पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के समर्थित आईएस के गिरफ्तार आतंकी मो. शाहनवाज आलम, मोहम्मद रिजवान अशरफ (जिन्हें मौलाना भी कहा जाता है), और मोहम्मद अरशद वारसी ने बम धमाकों की पूरी तैयारी की थी। इन्होंने पश्चिमी घाट क्षेत्र में बम के प्रभाव को जानने के लिए सात से आठ बम धमाके किए थे। इनका उद्देश्य देश में तबाही का माहौल पैदा करना था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अधिकारियों के अनुसार, इन्होंने यह योजना कई शहरों में कार्रवाई करने के लिए रची थी, जैसे कि दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, सूरत, अहमदाबाद, और मुंबई, जैसे शहरों में भीड़भाड़ वाली जगहों पर बम धमाके करने की योजना थी।
स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकी बम बनाने के बाद पश्चिमी घाट के जंगलों में आरोपी जाते थे। वहां वे बम धमाका करके देखते कि इसका प्रभाव क्या था। उन्होंने जांचने के लिए सात से आठ बम धमाके किए थे और सभी धमाके सफल रहे थे। इसके बाद, उन्होंने देश भर के कई शहरों में रेकी की योजना बनाई और कई जगहों पर धमाके करने की कोशिश की थी।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये आतंकी अहमदाबाद, सूरत, और मुंबई को अपने निशाने पर रखे थे, और इन तीनों शहरों के साथ-साथ कई अन्य शहरों में भी आपसी रेकी कर चुके थे। ये आरोपी दिल्ली-एनसीआर में बम धमाके करने के लिए दिल्ली आए थे, और उनके निशाने में दिल्ली, गुरुग्राम, और नोएडा के विभिन्न मॉल्स भी थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कई और आरोपी फरार हैं और इसकी जांच जारी है।
अलफिया भी बम धमाके करने में शामिल थी।
अलफिया भी बम धमाका करने में शामिल थी और वह झारखंड की निवासी थी। रिजवान की पत्नी अलफिया रेकी करने वालों में शामिल थी, हालांकि बम धमाके करने की प्रैक्टिस में वह अक्सर शामिल नहीं होती थी। वह आईएस की विचारधारा से इतनी प्रभावित हो चुकी थी कि वह कट्टरपंथी बन चुकी थी और सोशल मीडिया पर विभिन्न चैनलों से जुड़ी हुई थी।
हैंडलर से बात करने के लिए मोबाइल को बंद रखते थे।
स्पेशल सेल की जांच में पाया गया है कि भारत में मौजूद आतंकी ज्यादातर अपने मोबाइल को बंद रखते थे और कुछ दिनों के बाद ही इसे फिर से चालाते थे। वे अपने हैंडलर से संवाद करने के लिए इसे खोलते थे। अगर हैंडलर पाकिस्तान से कोई संदेश भेजता, तो वे उसके संदेश का जवाब तुरंत देते थे, लेकिन यह संवाद कभी-कभी ही होता था। जब भी उनको किसी से बात करनी होती थी, तो वे टेलीग्राम एप पर एंड-टू-एंड बात करते थे।
सफल बम धमाके की जानकारी को हैंडलर को दी जाती थी।
सफल बम धमाके की जानकारी भी हैंडलर को दी जाती थी, और उन्होंने उन्हें बम धमाके की तैयारी करने के लिए निर्देश दिए थे। इसके बाद, ये आतंकी आगे के कदमों का इंतजार करते थे, जो हैंडलर के निर्देशों के अनुसार होते थे।
यहां रहने वाले आरोपी…
गिरफ्तार आरोपी शाहनवाज आलम नंबरदार अपार्टमेंट, ई-90, जैतपुर पार्ट – २, दिल्ली में रहता था। वह इस जगह पर तब से रह रहा था, जब वह दिल्ली आया था।
मोहम्मद रिजवान प्लॉट नंबर 99, हरि सिंह फार्म हाउस, कैंपबेल रोड, लखनऊ, यूपी में रहता था। वह इसी जगह से गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी मोहम्मद अरशद वारसी का पता – आर – 121, गली नंबर 7, अरमान ग्लोबल स्कूल के पास, जोगा बाई एक्सटेंशन, ओखला, दिल्ली में था। वह मुरादाबाद, यूपी से गिरफ्तार किया गया है।
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