Ghaziabad: नंदग्राम थाना क्षेत्र के एक क्रिकेटर ने मोरटी स्थित क्रिक एज क्रिकेट अकादमी के संचालक, विकास डागर, के खिलाफ एक गंभीर आरोप लगाया है कि उन्होंने उसे रणजी ट्रॉफी में खिलाने का लालच देकर 18 लाख रुपए में सौदा किया। इस मामले में विकास डागर ने पीड़ित क्रिकेटर से पांच लाख रुपए भी लिए हैं।
रणजी में खिलाने का वादा
यह मामला उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित है, और पीड़ित क्रिकेटर का नाम पवन कुमार है, जो गाजियाबाद के ईस्ट गोकलपुर में निवास करते हैं। पवन कुमार ने 2020 में राजनगर एक्सटेंशन स्थित क्रिक एज क्रिकेट अकादमी में प्रवेश लिया था। पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने अकादमी में शामिल होने के कुछ दिनों बाद विकास डागर से मिलकर उन्हें यह दिलासा दिया कि वे एक अच्छे क्रिकेटर हैं और उनकी प्रतिभा के लिए एक बड़ा प्लेटफार्म आवश्यक है। उन्होंने उसे 2020 में नॉर्थ ईस्ट से रणजी ट्रॉफी में खिलाने का वादा किया, लेकिन इसके बदले 18 लाख रुपए की मांग की।
मिला धोखा
पवन कुमार ने विकास डागर पर भरोसा करके 2020 में एक लाख रुपए दिए, और इसके बाद विभिन्न तिथियों पर और लगभग 5 लाख रुपए भी दे दिए। लेकिन तीन साल बाद भी पवन कुमार को रणजी ट्रॉफी में खिलाया नहीं गया, जिसके बाद उसने थाना नंदग्राम में शिकायत की। इसके बावजूद, विकास डागर ने इस बार भी वादा तोड़ दिया और पैसे देने से भी मना कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप पवन कुमार ने उसके खिलाफ थाना में मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में पवन कुमार का कहना है कि विकास डागर ने उन्हें बड़े उत्साहित करके रणजी ट्रॉफी में खेलने का वादा किया था, लेकिन इसके बाद उसने उनका विश्वास उठ गया था।
करियर किया बर्बाद
स्थानीय पुलिस अधिकारी ने इस मामले की जाँच शुरू कर दी है, और पवन कुमार की शिकायत पर कार्रवाई करने का निर्णय जल्द ही लिया जाएगा। पीड़ित क्रिकेटर पवन कुमार ने यह आरोप लगाया है कि विकास डागर ने उनके साथ धोखाधड़ी की, और उनसे अधिक पैसे लिए और ज़बरदस्ती सौदा करने की कोशिश की। यह घटना का सामाजिक और कानूनी महत्व है। पीड़ित पवन कुमार ने कहा कि उन्होंने विकास डागर के लिए लगाए गए आरोपों का सामना किया है और अब वे इस मामले की जाँच के लिए उचित कदम उठाना चाहते हैं। पीड़ित का कहना है कि वे ने क्रिक एज क्रिकेट अकादमी में शिक्षा प्राप्त की और विकास डागर की खोखली वादों के सामने आकर खड़ा हो गया।
यह मामला क्रिकेट दुनिया में विवाद का कारण बन गया है और क्रिकेट अकादमियों के बदलते मानदंडों पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय पुलिस अब इस मामले की जाँच कर रही है और उपयुक्त कदम उठा रही है. क्रिकेट दुनिया और खिलाड़ियों के बीच यह विवाद गहरा हो चुका है, और आगे की घटनाओं की जाँच पुलिस और मानवाधिकार संगठन करेगी ।