नोएडा समाचार: अब नोएडा की सड़कों पर घूमने वाले अपराधियों और मनचलों के लिए खैर नहीं है, क्योंकि अब उन पर तीसरी आंख की पैनी होगी। नोएडा में सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के साथ-साथ ट्रैफिक व्यवस्था को भी सुधारने के लिए शहर में 44 क्लाउड सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों के सहायता से सिटी सर्विलांस सिस्टम को बेहतर बनाया गया है, और इन कैमरों की फुटेज क्लाउड में संग्रहित हो रही है, जिससे अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी।
नोएडा पुलिस ने इस परियोजना के तहत शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 44 हाइटेक क्लाउड सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जैसे कि मामूरा यू टर्न, हिंडन पुल, सेक्टर-71, पर्थला गोल चक्कर, सेक्टर-120 चौक, फिल्म सिटी कट, सेक्टर-59 मेट्रो स्टेशन टी प्वाइंट, और गार्डेन गैलेरिया आदि। ये कैमरे सोलर पावर से चलते हैं और इनकी फुटेज क्लाउड में फीड होती है, जिससे अपराध के खिलाफ और भी मजबूत कदम उठाने में मदद मिलेगी।
ऐसे कर रहे काम कैमरे
इन कैमरों को सेक्टर-94 में स्थित कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है। वहां से हर पल की जानकारी अपडेट हो रही है, और कंट्रोल रूम में लगे स्क्रीन पर 24 घंटे की मूवमेंट दर्शाने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही, शहर के चौराहों पर पहले से ही स्थापित फिक्स और पैन-टिल्ट-जूम (PTZ) कैमरे भी हैं, जिनमें जूम इन और जूम आउट करने की सुविधा है।
इसके फायदे:
- सड़क पर महिलाओं की सुरक्षा में मजबूती आएगी, जो महत्वपूर्ण है।
- महिलाओं के साथ बदसलूकी करने वालों को पहचानने में मदद मिलेगी, जिससे उनका सुरक्षा बढ़ेगा।
- ऑटो और अन्य वाहनों के चालकों की मनमानी पर रोक लगेगी, जिससे सड़क पर सुरक्षित यातायात होगा।
- जाम से छुटकारा मिलेगा, जिससे सड़कों पर यातायात को सुचारा जा सकेगा।
- अपराध करने वाले बदमाशों के वाहनों को ट्रेस किया जा सकेगा, जिससे उन्हें पकड़ा जा सकेगा।
- वाहनों के नंबर प्लेट को जूम कर देखने का अवसर मिलेगा, जिससे अपराध की पहचान में मदद मिलेगी।
नोएडा पुलिस द्वारा इस प्रकार के सुरक्षा उपायों के लागू होने से नगर में सुरक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, और नागरिकों को अपराधों से बचाने में मदद मिलेगी।
क्या है क्लाउड सीसीटीवी कैमरा
क्लाउड सीसीटीवी कैमरा एक इंटेलिजेंट वीडियो सुरक्षा कैमरा होता है जो सड़कों और आसपास की क्षेत्रों की नजर रखता है। इस कैमरे को स्वचालित तरीके से वीडियो रिकॉर्डिंग करने की क्षमता होती है और इस रिकॉर्डिंग को इंटरनेट क्लाउड में सहेजता है, जिससे उपयोगकर्ता उसे दूरस्थ स्थान से व्यू कर सकते हैं। यह कैमरा विभिन्न एंगल्स और डिरेक्शन में पैन, टिल्ट, और जूम करने की क्षमता रखता है, जिससे उपयोगकर्ता किसी भी दिशा में जांच कर सकता है। इसका मोबाइल ऐप्लिकेशन उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ स्थान से कैमरे को निगरानी रखने की अनुमति देता है, जिससे सुरक्षा और निगरानी में सुधार होता है। इस प्रकार के कैमरे को आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) कैमरे के रूप में भी जाना जाता है, जिससे उपयोगकर्ता इंटरनेट के माध्यम से कैमरे को निगरानी रख सकते हैं