क्यों कहा कहने वाले ने कि क्यों उलझ गए थे रोड शो की तैयारियों को लेकर दो भाजपाई? क्या किस्से में है किसी जाली का सीन? रेड क्वार्टर वाले ने रूल बता दिया था कुछ ज्यादा ही महीन? दिल्ली गेट वालों का इसी बात पर हो गया था मूड पूरी तरह अपसेट? कहने वाले ने कहा इस मामले में नही है भगवा सिंगल का कोई सानी? अगर रकम दूसरे की हो तो अगला बहा देता है उसे ऐसे जैसे हो वो पानी?
क्यों कहा कहने वाले ने कि इसे तो सही नही माना जायेगा किसी भी विधि? क्या जोश में आकर लिख दिया उसने अपने नाम के साथ सांसद प्रतिनिधि? व्हाट्सएप वाले खाते को देखकर चल रही है ऐसी बातें? कहने वाले ने कहा कि ये तो उम्मीदवार को देखना है और उन्हें चाहिए कि वो निर्वाचन से पहले सांसद प्रतिनिधि बन गए अपने कर्मचारी को डांटे? माना कि लगाव है माना की पूरा जोश है? लेकिन आजकल स्क्रीन शॉट का जमाना है और लोग निकाल लेते फिर दोष है?
क्यों कहा कहने वाले ने कि जिस इलाके में उठ रही है विरोध की ज्वाला? आप लिख कर रख लो यहीं से है इस बार कमल खिलने वाला? ये अभी का विरोध है और धीरे धीरे खतम हो जाना सारा ही गतिरोध है? अभी भगवा तलवारों का म्यान से बाहर आना शेष है? आप समझा करो उनका राजपूताना में सम्मान ही कुछ विशेष है? इंतजार कर लो बस कुछ दिनों की बात शेष है?
क्यों कहा कहने वाले ने कि एक चुनावी दफ्तर में देखा हमने बहुत ही बुरा हाल? सब्जी के टाइम पर खतम हो गए टमाटर और प्यास लगने पर नही था यहां पीने को वाटर? यहां हो रही थी इसी बात पर चर्चा? कैसे बचाया जाए चुनावी दफ्तर में होने वाला खर्चा? सुना है वो चेहरे भी अब हो गए हैं अंडर ग्राउंड? जो गए थे साथ में उन्हे भरवाने लोकसभा का पर्चा? हो सकता है चुनाव लड़वाने वाली टीम का ये कोई अपना मैनेजमेंट? कहने वाले तो कहते ही रहते हैं और करते हैं कमेंट?
क्यों कहा कहने वाले ने कि उनके चुनाव लड़वाने वाले बयान पर मत दो ध्यान? बस चुनाव नतीजे वाले दिन रखना इस बात पर नजर? उनके मोहल्ले से मिलती है उम्मीदवार को कितनी वोट? अगर गली मोहल्ले से भी नही दिलवा सकते वो वोट? तो क्या फायदा उनका और क्या करेगी उनकी सपोर्ट?
क्यों कहा कहने वाले ने कि क्या भगवा गढ़ के केसरिया शूरवीर चलाने वाले हैं एक दूसरे पर तीर? केसरिया शूरवीर ने ही आगे की भगवा महाभारत का सीन समझाया? तीरों की शुरू हो गई है बरसात? आप को ट्रैफिक वाली लाइट से समझ लेने चाहिए जंग के जज्बात? आप को सुन कर हो सकती है हैरानी? एक दूसरे को सियासी मैदान में निबटाने की शुरू हो गई है कहानी?
क्यों कहा कहने वाले ने कि फूल वालों की अपनी ही सरकार में चल रही है अपनो से ही तकरार? जब पुलिस ने मैडम को पूछताछ के लिए बुलाया? तो भाजपाइयों ने घेर लिया थाना? फिर सीन हो गया शुक्रवार की रात को रिपीट? फिर से गूंजी थाने में भगवा ललकार? केसरिया तरुण फिर पहुंचे अपने घर? कहने वाले ने कहा अब बड़े नेताओं का जरूरी हो गया है दखल? माना कि सियासी पारा ही है हाई? लेकिन इधर भी और उधर भी हैं तो अपने ही भाजपाई?
क्यों कहा कहने वाले ने कि भगवा मास्टर जी के प्लान बनाने को लेकर किसी ने बेमतलब में उड़ाई है अफवाह ? कोई एक ऐसा विरोधी चेहरा है जो नहीं चाहता राजनीतिक में मिले उनको कोई वफा ? सोची समझी रणनीति के तहत खराब की जा रही है उनकी बात ? किसी के यहाँ पर कोई भी भविष्य वाली प्लानिंग नहीं बनी है ? जो अफवाह है वो है पूरे तरीके से बकवास ?
क्यों कहा कहने वाले ने कि नव वाले नीत जी को नही रही है अब पॉलिटिक्स से कुछ ज्यादा प्रीत? वो भी निगम चुनाव के बाद गए हैं अपने काम से रखना काम अब सीख? उनके भीतर का भगवा देवतुल्य जब भी मारता है जोर? वो कर लेते हैं अपनी कार का रुख भगवा चुनाव दफ्तर की ओर? नाराजगी अपनी जगह है और पार्टी के प्रति वफादारी का भी मन में है एक छोर?
क्यों कहा कहने वाले ने कि व्यापार मंडल की भगवा भक्ति से हैं एक दल के उम्मीदवार नाराज? जब किसी ने उन्हें व्यापार मंडल के स्वागत में बुलाने की करी बात? तब उम्मीदवार ने साफ कह दिया कि फूलों की माला मुझे पहनोगे मगर करनी है तुम्हे फूल वालों की जिंदाबाद? फल वाली सभा में जाकर भी नही होना है हमे कुछ हासिल? जो व्यापार मंडल अध्यक्ष रोड शो में कर रहे थे डांस? मैं कैसे मान लूं कि वो हमे देंगे कोई चांस?