-दीपक भाटी, समाचार संपादक
क्यों कहा कहने वाले ने कि हमने सीनियर त्यागी जी की बात पर दिया बारीकी से ध्यान? जिन सलाहकारों को ले रहे थे वो टारगेट पर? सच बताऊं खबर पढ़ते ही जय और वीरू की तस्वीरें मेरे ख्यालों में हो गई विराजमान? फिर मैनें दिमाग पर लगाया पूरी शिद्दत से जोर? शायद जय को लेकर मामला सॉफ्ट था? मगर वीरू को लेकर दिख रहा था हमे मामला घनघोर? अब जब त्यागी जी ने ही नहीं लिया है खुलकर नाम? तो फिर हम इन शोलों में खुद को क्यों झोंके श्रीमान?
क्यों कहा कहने वाले ने कि लिख कर रख लो अब आप हमारी बात? पहलवान और पहलवान के दोस्त के लिए क्रान्तिकारी वर्मा जी नहीं उगलेंगे अब कोई आग? अब मिस्टर कूल की तरह ही समर हो या विंटर? उनका कूल रहेगा अंदाज? वर्मा जी बहुत शार्प हैं? वो यूं ही नहीं करते हैं कोई बात? अगर मामला हो नाईसमैन से जुड़ा हुआ? तो वो विरोध वाली स्क्रिप्ट से खुद को दूर ही कर लेते है साहब?
क्यों कहा कहने वाले ने कि नदिया पार की लाजपत नगर वाली कमिश्नरी में दिखाई देगा इस बार पहलवान की चाहत का जोर? सच बता रहा हूं यहां पर गुर्जर चेहरा भगवा कमिश्नर बनेगा 100% श्योर? कहने वाले ने कहा मेरे शब्दों को सुनकर बाकी दावेदारों ना उखड़ जाना? तय हो गया है यहां पर भड़ाना जी का आना? भगवा पहलवान टीम में रहे ना रहे, उनकी हर मामले में चलेगी बात? कोई उसका क्या बिगाड़ सकता है जिसका कमांडर 2.0 दोस्त हो साहब?
क्यों कहा कहने वाले ने कि नदिया पार में पार्षद के हसबैंड का रहता है हमेशा ऊंचा एट्ीट्यूड? वो लाईन खींच कर राजनीति करते हैं, इसके देखे हैं हमने हाल ही में प्रूफ? सुना है जागरण समिति वालो ने बनाया है कोई बड़ा कार्यक्रम का प्रोग्राम? वो चाह रहे थे कि पार्षद से कह कर हो जाये सफाई वाला काम? जैसे ही समिति के सदस्यों ने मिलाया पार्षद पति को फोन? वहां से सुनाई दी गजब वाली टोन? मिस्टर हसबैंड ने कर दिया क्लीयर, ठाकुर साहब करा लेंगे अपने हिसाब से सफाई? हमारा तो इस विषय में कुछ भी करने का कोई भी इरादा नहीं है डियर?
क्यों कहा कहने वाले ने कि नदिया पार के पूर्व ठाकुर मैम्बर करते हैं हमेशा अलग बात? खुलकर कहते हैं वो हर बार अपने जज्बात? दे रहे हैं वो अब अपने खास लोगों में संदेश? कमांडर की एन्ट्री केवल लोकसभा चुनाव तक के लिए हुई है? बस पार्टी ने यहीं तक के लिए चुना है उनका फेस? इसके बाद कमांडर को किया जायेगा किसी और रथ पर सवार? पार्टी करेगी उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए तैयार? जैसे ही होगी लोकसभा वाली सीट की जीत कमांडर के खाते में दर्ज? रूतबा उनका और बढ़ जायेगा? एक कदम उनका हैवीवेट सीट की ओर बढ़ जायेगा?
क्यों कहा कहने वाले ने कि आप अगर करो नदिया पार के पूर्व भगवा ठाकुर की बात पर गौर? तो इसके संकेत अभी से मिलने शुरू हो गये हैं श्योर? हमने देखा भगवा कमांडर जब 1.0 वाला निभा रहे थे किरदार? तब नहीं किये थे उन्होंने सड़को के उद्घाटन? नहीं पहुंचे थे वो किसी पार्षद के द्वार? हाल ही में उन्होंने अपने दूसरे पहलवान के मौहल्ले में फोड़ा है सड़क उद्घाटन का नारियल? कुछ दिन पहले विधायक जी ने भी दूसरे वार्ड में किया था ऐसा ही काम? सुना है देने वालो ने देना शुरू कर दिया है वन-टू-वन?
क्यों कहा कहने वाले ने कि भगवागढ़ की अगर वरिष्ठ वाली जाट राजनीति पर गौर डालो तो आपको होगा धीरे-धीरे हो रही गुमनामी का एहसास? रावत ब्रदर्स जहां पूरी तरह खामोश नजर आ रहे हैं? वहीं तेवतिया ब्रदर्स की भी सक्रियता के नहीं हो रहे हैं एहसास? कुछ ऐसा ही है वर्मा ब्रदर्स का भी हाल? स्थानीय राजनीति में नहीं दिख रहा दोनों का कमाल? एक वर्मा ब्रदर का प्रदेश वाली राजनीति में है जलवा जलाल? तो दूसरे वर्मा ब्रदर सोशल मीडिया पर बन गये हैं मिसाल? कहने वाले ने कहा, नई वाली पीढ़ी उठा ले इस बात का फायदा? बना ले अपनी भगवागढ़ में मजबूत जमीन? कहीं फैल ना जाये बाद में रायता?
क्यों कहा कहने वाले ने कि सच बताऊ मैं अपने दिल के अल्फाज? ऐसा लगता है हमारे जिले के सभी विधायक अपनी विधानसभाओं में वेकेशन मनाने आते हैं? फिर वो दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ाने पहुंच जाते हैं साहब? बहुत-बहुत दिन तक हमें नहीं हो रहे हैं अपने विधायकों के दीदार? ऐसा लग रहा है जैसे हम अपना वोट दूसरे राज्यों मे देकर आये है यार? जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधियों से चलाना पड़ रहा है हमें काम? हमारी तो चुनाव आयोग को यही सलाह है कि वह जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि के चुनाव का भी बनायें प्लान?
क्यों कहा कहने वाले ने कि मैं विधायक जी के प्रिय मैदी जी को देना चाहता हूं संदेश? रावण के पुतले पर कौन तीर मारेगा, रामलीला वालो में इस बात का दिखाई दे रहा है इंटरनल क्लेश? हमें अंदर से पता चली है ये बात? कमेटी के कई सदस्य विधायक जी की जगह जनरली साहब से रावण का वध कराना चाहते है, कुछ तीखे हो गये हैं उनके अंदाज? वहीं दूसरा गुट देखना चाहता है इस मामले में विधायक जी के हाथ में तीर? देखना अब ये है कि मैदी जी क्या उपाय निकालेंगे? आखिर वो भी तो है इस लीला के बहुत बड़े शूरवीर?
क्यों कहा कहने वाले ने कि लोनी वाले सौम्य मावी जी पर था कभी संगठन शिल्पी का हाथ? जब थी उनके पास यूपी वाली पॉवर, तब सौम्य मावी जी ओबीसी वाली प्रदेश टीम में एन्ट्री पा गये थे साहब? मगर लंबे समय से विधायक, चेयरमैन और जिला अध्यक्ष वाली दावेदारी में नहीं बना है उनका काम? हमें तो अभी भी उनको लेकर डाउट है, इस बार तो संगठन शिल्पी भी नहीं है, कैसे बनेगी उनकी बात? क्या क्रान्तिकारी विधानसभा में अगले पांच वर्षों तक नजर आयेंगे क्रान्तिकारी जनप्रतिनिधि के ही अंदाज?