सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवाजी एम. जाधव ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्यों में से एक ने कॉल रिसीव किया है। घटनाक्रम से परिचित लोगों ने कहा कि रिकॉर्ड किए गए संदेश में पिछले सप्ताह पीएम के मार्ग को अवरुद्ध करने की जिम्मेदारी भी ली गई है।
सूत्रों के मुताबिक, कई एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) को सुबह एक अज्ञात अंतर्राष्ट्रीय नंबर से कॉल आए, जिसमें रिकॉर्डेड संदेश था कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने पंजाब में पीएम के सुरक्षा उल्लंघन की जिम्मेदारी ली है। रिकॉर्ड किए गए संदेश में कहा गया है कि 1984 के दंगों के दौरान सिख समुदाय के सदस्यों की हत्याओं के संबंध में शीर्ष अदालत ने पर्याप्त न्याय नहीं किया।
उच्चतम न्यायालय के वकीलों ने दावा किया है कि उनके मोबाइल फोन पर अंतर्राष्ट्रीय नंबर से एक रिकॉर्डेड संदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें कथित तौर पर शीर्ष अदालत में सुरक्षा के मुद्दे को उठाकर मोदी शासन को मदद नहीं करने की अपील की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है।
वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने एक ट्वीट में कहा, सिख फॉर जस्टिस यूएसए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एओआर (एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड) को भेजे गए ऑडियो को सावधानीपूर्वक लेना चाहिए। यह हरकत प्रचार से प्रेरित या दोषियों का बचाव करने के लिए एक धोखा हो सकती है। बावजूद इसके, यह उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों/ एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के लिए परोक्ष खतरा उत्पन्न करने वाला लगता है, इसलिए तत्काल इस मामले की एनआईए से जांच करवाई जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक से जुड़े मामले की जांच के लिए एक पूर्व शीर्ष न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने पर सहमत हो गया।
दिल्ली के याचिकाकर्ता लॉयर्स वॉयस का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका का उल्लेख किया था। उन्होंने देश के पीएम को सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया।
याचिका में पंजाब में प्रधानमंत्री के सुरक्षा उल्लंघन की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। इसने जिला न्यायाधीश बठिंडा को प्रधानमंत्री के दौरे के संबंध में पंजाब पुलिस की आवाजाही और तैनाती से संबंधित सभी सामग्री एकत्र करने, संरक्षित करने और पेश करने और डीजीपी और पंजाब के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी तय करने का निर्देश देने की मांग की है।
6 जनवरी को, गृह मंत्रालय ने चुनावी राज्य पंजाब में पीएम के फिरोजपुर दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। एमएचए ने कहा, समिति का नेतृत्व सुधीर कुमार सक्सेना, सचिव (सुरक्षा), कैबिनेट सचिवालय और बलबीर सिंह, संयुक्त निदेशक, आईबी के साथ ही एसपीजी आईजी एस. सुरेश करेंगे।
जेएनयू में फिर दिखे विवादित नारे: फ्री कश्मीर और भगवा जलेगा के साथ पीएम मोदी पर भी वार
दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू ) में एक बार फिर देश विरोधी और हिन्दू विरोधी नारे लिखे गए हैं।...
Discussion about this post