नोएडा के निठारी गांव के रहने वाले दो सगे भाइयों की मूर्ति विसर्जन के बाद यमुना के दलदल में फंसने से उनकी जान चली गई। उनका एक और भाई वर्तमान में अस्पताल में भर्ती हैं। इस घड़ी कठिनाई भरी स्थिति में परिवार के सभी लोगों का मन दुखी है और रो-रोकर बुरा हाल है।
नोएडा सेक्टर-31 निठारी गांव के निवासी दो सगे भाइयों की मूर्ति विसर्जन के बाद यमुना के दलदल में फंसकर मौके पर ही जान की खोज में उनकी जीवन समाप्ति हो गई। उनके परिवार के एक और भाई वर्तमान में अस्पताल में भर्ती हैं। इस दुखद घटना ने परिवार को गहरे शोक में डूबा दिया है।
धीरज राजपूत ने बताया कि वे मूलरूप से बदायूं के निवासी हैं और पिछले 15 साल से निठारी में परिवार के साथ किराये के मकान में रह रहे हैं। वह पिछले पांच वर्षों से घर में गणपति स्थापित कर पूजा करते आ रहे हैं।
इस साल भी, वे अपने घर पर गणपति की मूर्ति स्थापित करने का आयोजन किया। गुरुवार को दोपहर दो बजे, वह परिवार के सदस्यों और करीब 20 लोगों के साथ यमुना में मूर्ति विसर्जित करने के लिए निकले। लगभग 3:30 बजे, वे चिल्ला खादर मयूर विहार के पास यमुना में मूर्ति का विसर्जन करने के बाद सभी लोग स्नान कर रहे थे। इसी दौरान, उनका छह वर्षीय छोटा बेटा कृष्णा, उनके बड़े भाई नीरज (15 वर्षीय) और सचिन (17 वर्षीय) के साथ यमुना में नहाने गया। उनके साथ गए अन्य लोग भी थे।
छोटे भाई को बचाने की कोशिश के दौरान
कृष्णा अचानक दलदल में फंसकर गायब हो गए। उसे बचाने के लिए नीरज भी जान की बाजी लगाने का प्रयास किया, लेकिन वह भी डूब गए। इसके बाद, उनके बेटे सचिन और 19 वर्षीय पड़ोसी अभिषेक भी डूब गए। लोगों ने सभी को बाहर निकालने का प्रयास किया, और प्रायोजित मूर्तियों के पेट से पानी निकालने की कोशिश की, लेकिन उन्हें होश नहीं आया। सभी चारों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया।
डॉक्टरों ने नीरज और कृष्णा की मृत्यु की घोषणा की। सचिन को निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया है। अभिषेक की स्थिति भी गंभीर है। उनकी मां को अपने कलेजे के दो टुकड़ों की मौत की खबर सुनकर बेहोश हो गई। पड़ोसी और रिश्तेदार उन्हें संभालने का प्रयास कर रहे हैं।
हादसे के बाद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल
इस दुखद घटना के बाद, परिवार के सदस्यों का दिल टूट गया है, और वे रो-रोकर बुरा हाल में हैं। रिश्तेदार और पड़ोसी संख्या में बढ़ गए हैं ताकि उन्हें संभाला जा सके। इस दुखद परिस्थिति में पिता धीरज सिंह अपने बच्चों सचिन और अभिषेक के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं।
दोस्तों को खोकर मायूसी छाई
पड़ोसी मुकुल ने बताया कि कृष्णा और नीरज उनके दोस्त थे और वे सभी लोग एक साथ खेलते थे और घूमते थे। उनके घर पर जन्माष्टमी पर भी बड़ा आयोजन होता था, और सभी ने उसमें भाग लिया था। वे सभी एक साथ झूमते थे, और विसर्जन के लिए साथ निकले थे। खुशी का माहौल था, और इस दुखद समय में वे अपने प्रिय दोस्तों को हमेशा के लिए खो दिया हैं। उनके आंसू थमे नहीं हैं।
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