Ghaziabad: बिल्डरों के वैशाली में बनाये गए अवैध प्रॉपर्टी का निर्माण नष्ट कर दिया गया। यह तोड़फोड़ जीडीए द्वारा करवाई गयी है। ट्रांस हिण्डोन के वसुंधरा में स्थित आवास विकास परिषद् की अथॉरिटीज ने भी इसी मुद्दे की शिकायत की है। यह डेमोलिशन केवल एक नहीं बल्कि कई जगहों पर एक साथ किया जा रहा है। ऑर्डर्स के मुताबिक इस विषय पर शीघ्रता के साथ कार्रवाई करने को कहा गया है।
ये है असली परेशानी
इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि सरकार की अनुमति के ख़िलाफ़ जाकर कोई भी व्यक्ति अपने घर का निर्माण नहीं कर सकता। बिल्डरों को अच्छे से ये ज्ञात था कि स्वीकृत नक़्शे से ज़्यादा फ्लैट बनाने पर उन्हें भुगतान करना पड़ेगा। और वह भुगतान यहाँ ध्वस्तीकरण है। फ़िलहाल ये कार्रवाई परिवर्तन जोन 6 में चल रही थी। जीडीए के परिवर्तन जोन 6 के इंचार्ज एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने यह स्पष्ट शब्दों में बयान दिया कि जितना स्वीकृत नक़्शे के मुताबिक निर्माण है, उससे अधिक बिलकुल स्वीकार नहीं किया जाएगा।
अधिकारीयों के टीम ने ये निर्णय लिया कि वह इंदिरापुरम जाकर एक इमारत का मुआइना करने भी जाएंगे। वह इमारत अभी आधी ही बनी है। साथ ही प्रवर्तन जोन 6 के इंचार्ज आलोक रंजन का कहना है कि असल में शिकायत वैशाली सेक्टर 4 के भूखंड संख्या 461 पर बिल्डर के द्वारा स्वीकृत नक़्शे से ज़्यादा फ्लैट बनवा देने की मिली थी। इसकी कार्रवाई के अंजाम में ही बिल्डिंग पर बुलडोजर चला देने की बात की गयी। निर्माण के नियम ज्ञात होने पर भी अवैध तरीके से निर्माण किया गया, इसलिए आखिरकार बुलडोजर चला दिया गया।
इस घटनाक्रम के बीच अभियंता संजय मल्होत्रा व अशोक त्यागी भी उपस्थित रहे। ऑनलाइन ट्रैकिंग जैसे आईजीआरएस पोर्टल पर अवैध निर्माण से सम्बंधित शिकायत दर्ज करने पर भी शासन को पारदर्शिक जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती।
एक शिकायत विजयनगर के महेंद्र सिंह द्वारा आई थी जिसमे वह सम्राट सागर चौक पर एलएमसी की ज़मीन पर किये जाने वाले अवैध निर्माण की बात कर रहे थे। मगर इस मुद्दे पर शासन को पथभ्रष्ट कर दिया गया।
उसी भांति से शास्त्री नगर से दीपक सिंह ने एक मुद्दा दर्शाया जो कि शासन की नज़रों से बच निकला और उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वह भी एक अवैध निर्माण से संयुक्त आईजीआरएस पोर्टल से ही उठाया गया था। यह एक सिस्टम चलने लगा है कि जब भी किसी अवैध निर्माण कि सूचना पर मुद्दा उठाया जाता है तभी उस बिल्डिंग के प्रत्येक बिल्डर से कांटेक्ट कर शिकायत करने वाले की सारी जानकारी उसे पहुंचा दी जाती है और बाद में उन्हें धमकाया जाता है।
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