ईडी ने इकबाल मिर्ची, उसके परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम का मामला दर्ज किया था जिसमें डीएचएफएल और उसके प्रमोटर शामिल हैं। जांच एजेंसी को रियल एस्टेट लेनदेन से संबंधित कुछ संदिग्ध लेनदेन का पता चला था जिसके बाद मामला दर्ज किया गया था।
ईडी ने हाल ही में संबंधित मुंबई की अदालत से इकबाल मिर्ची की 100 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त करने की अनुमति मांगी थी। सीजे हाउस की दो मंजिलें कुल संपत्तियों का हिस्सा हैं, जिन्हें जब्त किया जाना था।
फरवरी 2021 में, संबंधित पीएमएलए अदालत ने मिर्ची की पत्नी हाजरा और उनके दो बेटों, आसिफ और जुनैद को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। कोर्ट ने उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था।
अब ईडी अपने जोनल ऑफिस को सीजे हाउस की तीसरी और चौथी मंजिल पर शिफ्ट करना चाहता है, जो मिर्ची और उसके परिवार का है।
सूत्रों ने दावा किया है कि ईडी के अधिकारी जरूरी इंतजाम करने के लिए सीजे बिल्डिंग का दौरा कर रहे हैं ताकि उनके जोनल ऑफिस को शिफ्ट किया जा सके। फिलहाल ईडी कैसर-ए-हिंद बिल्डिंग स्थित बलार्ड एस्टेट से अपना कार्यालय चला रहा है।
पटेल की कंपनी मिलेनियम डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड ने 2004 में मिर्ची के डिस्कोथेक और फिशरमेन व्हार्फ पब के अधिकार खरीदे थे।। 2004 में मिर्ची एंड कंपनी के परिवार के सदस्यों के बीच एक सौदा हुआ था। इस सौदे के बाद सीजे बिल्डिंग की तीसरी और चौथी मंजिल मिर्ची के परिवार को दी गई थी।
ईडी ने मिर्ची की 15 संपत्तियां जब्त की हैं। अभी तक ईडी ने उनकी अचल संपत्ति की नीलामी का फैसला नहीं किया है।