Ghaziabad: इंदिरापुरम क्षेत्र के वैभव खंड में स्थित एक्सप्रेस गार्डन सोसाइटी के बिल्डर ने जीडीए से 536 फ्लैट का नक्शा मंजूर करवाया था, परंतु, वायदा किए गए 670 फ्लैटों की संख्या से बाहर निकल गई थी। इस मामले में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जीडीए वीसी, डीएम राकेश कुमार सिंह के साथ एक्सप्रेस गार्डन सोसाइटी के प्रमोटर पंकज गोयल को भी तलब किया गया है।
कैसे घटी ये घटना
यह घटना इंदिरापुरम के एक उपनगरीय क्षेत्र में घटित हुई, जहां एक्सप्रेस गार्डन सोसाइटी के प्रमोटर ने 2005 में जीडीए से सोसाइटी का नक्शा मंजूर करवाया था। उसने नक्शे में 536 फ्लैटों की मंजूरी प्राप्त की थी, लेकिन बाद में अतिरिक्त 134 फ्लैटों का निर्माण कर दिया गया था जिसके खिलाफ रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने आपत्ति जताई थी।
पहले नहीं हुई कोई कार्रवाई
हाईकोर्ट के जज रोहित रंजन अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान यह कहा कि प्रमोटर ने सोसाइटी में नियमों का उल्लंघन करते हुए 134 फ्लैटों का निर्माण किया और प्राधिकरण ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद उन्होंने पूछा कि क्यों न इस मामले में अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए? इस मामले की अगली सुनवाई में जीडीए के वीसी, डीएम राकेश कुमार सिंह और एक्सप्रेस गार्डन सोसाइटी के प्रमोटर पंकज गोयल को उपस्थित होने के आदेश दिए गए हैं।
क्या था हाईकोर्ट का आदेश
इस मामले में जीडीए वीसी और डीएम राकेश कुमार सिंह ने सफाई दी है कि यह मामला पहले से ही हाईकोर्ट में चल रहा है और बिल्डर की याचिका पर हाईकोर्ट ने 31 मई 2023 को आदेश दिया कि उसका रिवीजन निरस्त किया जाए। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने 8 दिसंबर को उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
इस मामले में जीडीए वीसी और डीएम राकेश कुमार सिंह ने सुनवाई के दौरान सार्थक तरीके से स्वार्थपरता की आरोपों का सामना किया है, जबकि एक्सप्रेस गार्डन सोसाइटी के प्रमोटर पंकज गोयल ने यह स्पष्ट करते हुए कहा है कि उनका उद्देश्य सोसाइटी के लोगों को बेहतर और सुरक्षित जीवन देना था।इस मामले में अगली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सभी प्रमुख व्यक्तियों को उपस्थित होने के लिए आदेश दिए हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सकता है कि पूरे मामले को एक स्पष्ट और न्यायिक दृष्टिकोण से देखा जा सके।