गाजियाबाद (करंट क्राइम)। कविनगर पुलिस ने फर्जी कस्टम इंस्पेक्टर बनकर ठगी करने वाले एक शातिर अभियुक्त गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी कस्टम इंस्पेक्टर बनकर रहता था। वर्दी पहनता था और उसने गाजियाबाद में रहने वाली एक युवती को शादी का झांसा देकर ठगी की। जिसमें उसने लगभग 20 लाख रुपए हड़प लिए, जब परिजनों और युवती ने उसकी सच्चाई जानी तो पुलिस को शिकायत की। पुलिस ने पूरे मामले में शिकायत करते हुए फर्जी इंस्पेक्टर को ट्रैक किया और उसकी जमकर खातिरदारी की।
आरोप है कि यह युवती को पुलिस को शिकायत करने और पैसा ना देने के लिए एसिड अटैक करने की धमकी देता था। पुलिस ने पकड़े गए फर्जी कस्टम इंस्पेक्टर से पुलिस की वर्दी, मोबाइल फोन, सीजीएचएस कार्ड, इंस्पेक्टर का फर्जी कार्ड अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस की मानें तो इससे पहले भी कई जगह इस तरह की ठगी कर चुका होगा। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि इसका परिवार भी शामिल रहता था। सीओ कवि नगर रितेश त्रिपाठी और कवि नगर थाना प्रभारी अमित
काकरान ने पूरे मामले की प्रेसवार्ता कर जानकारी दी।
दो महीने में ठगे 20 लाख रुपए, कस्टम में जाना था ड्रीम
पुलिस ने बताया है कि पकड़ा गया आरोपी सोमदत्त कौशिक, उर्फ गोलू उर्फ सोनू मूलरूप से फरीदाबाद के जुनेडा गांव का रहने वाला है। वह युवती को एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिला था, उससे दोस्ती की। युवती एमएससी पास है और छात्रों को ट्यूशन देने का काम करती है।
दोनों के बीच दोस्ती हुई और इसके बाद शातिर ठग सोमेंद्र दत्त कौशिक ने अपने परिवार वालों और खुद के एक्सीडेंट होने के बाद इलाज के नाम पर पैसे मांगने शुरू कर दिए। पुलिस की मानें तो लगभग 2 महीने में इसने लड़की और उसके पिता से लगभग 20 लाख रुपये तक ले लिए। परिवार वालों को जब इसकी सच्चाई का मालूम चली तो उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। जिसके बाद पुलिस ने फर्जी इंस्पेक्टर को युवती की मदद से यहां बुला कर ट्रैपकिया और गिरफ्तारी हुई। जिस वक्त आरोपी कस्टम के फर्जी इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है पुलिस की वर्दी पहने हुए था।
पूछताछ में हर बार बदले
शातिर ठग ने बयान
कवि नगर थाना प्रभारी अमित ने बताया है कि शिकायत मिलने के बाद सीओ कवि नगर रितेश त्रिपाठी के आदेश पर एक टीम गठित की गई थी। जिसमें उप निरीक्षक संजीव कुमार, उप निरीक्षक सहदेव सिंह व जयवर्धन सिंह के साथ ही कॉन्स्टेबल तेज कुमार, मुकेश कुमार और उदयवीर को शामिल किया था। इन लोगों ने शातिर ठग सोमदत्त कौशिक को गोविंदपुरम के निकट से गिरफ्तार किया। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसने पहले अपनी पोस्टिंग गुजरात में होना बताया, फिर पोरबंदर तो कभी जामनगर बताया। पुलिस ने जब इससे सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे और अंग्रेजी की साधारण ट्रांसलेशन कराई तो है उसमें भी फेल हो गया था। यह अपना पासिंग आउट सेंटर और जो तैनाती का जोन तक नहीं बता पा रहा था। वहीं पुलिस अधिकारियों ने इसकी वेरिफिकेशन कराई तो इसने जो फर्जी कार्ड और सीजीएचएस कार्ड बनवा रखे थे वह गुजरात में तैनात अन्य पुलिसकर्मियों के नाम से बने थे। पुलिस ने बताया है कि इसके कस्टम में भर्ती होने की कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं।
युवती और परिवार का
जीत लिया था भरोसा
जांच टीम की मानें तो आरोपी सोमदत्त कौशिक बेहद शातिर है और यह कभी युवती और उसके परिवार वालों को खुद का एक्सीडेंट होने का हवाला देता, तो कभी अपने पिताजी की घातक बीमारी होने की बात कहकर युवती को भावनात्मक रूप से जोड़ लेता था और कुछ ही घंटों में लाखों रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लेता था। जब युवती और उसके परिजनों ने पैसों के वापसी की मांग की तो इसने बहाने बनाना शुरू कर दिए थे और उनके फोन कॉल नहीं उठाता था। इसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया था। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को धारा- 406 ,420, 467, 468, 471 और 506 का मुकदमा पंजीकृत करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। फिलहाल आरोपी ने 20 लाख रुपए की ठगी गई रकम में से पीड़िता को केवल दो लाख रुपये ही वापस करवाएं हैं।
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