Ghaziabad: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह को एयरपोर्ट पर हिरासत में लेने का प्रतिवाद करते हुए सोमवार को किसानों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को संबोधित करने के लिए ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। जिला मुख्यालय पर जुटे किसानों ने राष्ट्रपति से केंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया।
क्यों चलाया मोर्चा
भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह को हिरासत में रखने और उनकी विदेश यात्रा को प्रभावित करने के विरोध में आज संयुक्त किसान मोर्चा के साथ जगह-जगह प्रदर्शन किया गया। गाजियाबाद में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी विजेंद्र सिंह के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पर किसानों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्र सरकार को प्रतिशोध की किसी भी कार्रवाई से दूर रहने और एसकेएम के साथ लिखित आश्वासन का उल्लंघन नहीं करने के प्रति आगाह किया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह को अंतरराष्ट्रीय किसान सम्मेलन में शामिल होने के लिए कोलंबिया जाने से रोके जाने पर किसान संगठनों ने केंद्र सरकार पर प्रतिशोध की कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
क्या कहना है किसानों का
किसानों ने लगाया वादा खिलाफी का आरोप भाकियू जिलाध्यक्ष विजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार अब वादा खिलाफी कर रही है। भारतीय किसान यूनियन नेता चौ. युद्धवीर सिंह को हिरासत में लिए जाने के मामले में अपना विरोध दर्ज कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों से किए गए वादों को ईमानदारी से निभाना चाहिए। सरकार किसानों की आवाज दबाना चाहती है, इसलिए 29 नवंबर को युद्धवीर सिंह को जबरन गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि संयुक्त
किसान मोर्चा के नेतृत्व में दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय तक तीन कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन किया था। उसके बाद सरकार को किसानों के सामने झुकना पड़ा। किसानों पर किए गए मुकदमे वापस लेने का वादा किया गया था, लेकिन सरकार अब अपने वादे से मुकर चुकी है।
मामले का संक्षेप
संयुक्त किसान मोर्चा ने इस प्रदर्शन के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार से अपने वादे की पूर्ति की मांग की है, और उन्होंने सरकार को अपने कृषि नीति पर विचार करने का आदान-प्रदान किया है। युद्धवीर सिंह को हिरासत में लेने की घटना ने किसानों में आक्रोश और नाराजगी को और भी बढ़ा दिया है, और उन्होंने एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करने का आदान-प्रदान किया है।
चौधरी विजेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार को अब किसानों के मुद्दे पर सीधे रूप से प्रतिसाद देने का समय आ गया है और वहां अब और किसानों को धोखा नहीं देने का वक्त है। इस मुद्दे को लेकर किसान समूह ने सत्याग्रह, धरना, और आंदोलन के माध्यम से अपने अधिकारों की मांग को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस समय, किसानों की आंदोलन की मार्गदर्शिका में रहकर, सरकार से वादा खिलाफी को लेकर उनकी आवाज को सुनने का आग्रह किया जा रहा है।