ग्रेटर नोएडा समाचार: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भारतीय वीरभूमि के मौजूदा तथा ऐतिहासिक महत्वपूर्ण स्थलों का प्रतीक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस नए एयरपोर्ट के डिज़ाइन में खास ध्यान दिया गया है, ताकि यात्री इसके अंदर आते ही महसूस करें कि वे उत्तर प्रदेश के भव्यतम स्थलों के पास हैं। इसके साथ ही, विदेशी यात्री भी इस एयरपोर्ट के अंदर उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों का स्पेशल अहसास कर सकेंगे।
एयरपोर्ट के अंदर यह नजारा मिलेगा
चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरण जैन ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा, “कि आपको लगेगा जैसे आप बनारस के घाटों और उत्तर प्रदेश की शानदारता का हिस्सा बन गए हैं। एयरपोर्ट के अंदर, आपको उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों का अहसास होगा। एयरपोर्ट के प्रवेश में, सीड़ियां बनारस के घाटों की तरह डिज़ाइन की गई हैं। इसके अलावा, आपको एयरपोर्ट के अंदर भारतीय वास्तुकला के दर्शन होंगे। यात्री टर्मिनल में, बारीक कला से बनी जालीदार स्क्रीन होगी, जो भारतीय वास्तुकला से प्रेरित होगी। इसके अलावा, हवेली के रूप में आपको एक विशेष अनुभव मिलेगा।
पहले चरण में, नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 5,730 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
वैसे, पूरे एयरपोर्ट का निर्माण 29,650 करोड़ रुपए की लागत में होगा। इसके साथ ही, एयरपोर्ट निर्माण के लिए 450 से अधिक बड़ी मशीनें लगाई जा रही हैं। पहले चरण में, 1334 हेक्टेयर ज़मीन पर नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण होगा।
नोएडा एयरपोर्ट को अब DXN नाम से जाना जाएगा
नोएडा एयरपोर्ट का नया नाम DXN होगा और इसका कोड वर्ड DXN (डीएक्सएन) होगा, जिसे इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा प्रमाणित किया गया है। इसका मतलब है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अब वैश्विक स्तर पर DXN नाम से पहचाना जाएगा। तो जब आप फ्लाइट बुक करते हैं, तो आपको DXN एयरपोर्ट से ही अपनी बुकिंग करनी होगी।
सितंबर 2024 में उड़ेगी उड़ान
क्रिस्टोफ श्रेलमन, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, ने जानकारी दी कि किसी भी स्थिति में सितंबर 2024 तक गौतमबुद्ध नगर में देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा तैयार हो जाएगा। पहले चरण में, अर्थात् 2024 में, जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हर महीने 10 लाख यात्री उड़ान भरेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए वर्तमान में 1000 मजदूर काम कर रहे हैं, लेकिन इस संख्या को बढ़ाकर 5000 तक पहुंचाया जा रहा है। इसका मतलब है कि 5000 मजदूर इस भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट के निर्माण में शामिल हैं।
2024 में 12 मिलियन यात्री कर सकेंगे सफर
2024 में, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट गौतमबुद्ध नगर में भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा, जिस पर पहले चरण में हर महीने 12 मिलियन यात्रियों का सफर होगा। इस परियोजना के तहत, 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में एक रनवे और एक पैसेंजर टर्मिनल बनेगा, जिनसे प्रतिवर्ष 12 मिलियन यात्रियों का सफर होगा।
अंत में, इस एयरपोर्ट में दो टर्मिनल्स और 2 रनवे होंगे, जिनसे हर साल 70 मिलियन यात्रियों को सेवा प्रदान की जाएगी। इस परियोजना को चार चरणों में निर्मित किया जा रहा है, और पहले चरण का पूरा होने की तारीख 2024 है।
सबको पीछे छोड़ देगा जेवर एयरपोर्ट
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण चार चरणों में किया जा रहा है, और पहले चरण का पूरा होने की तारीख 2024 है। इस अम्बितियस परियोजना के तहत, 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में 12 मिलियन क्षमता वाला पैसेंजर टर्मिनल और रनवे बनेंगे। दूसरे चरण का पूरा होने का समय 2032 है, तीसरे चरण का 2037 है, और चौथे चरण का 2050 है। चौथे चरण में, इस एयरपोर्ट में 70 मिलियन पैसेंजर की क्षमता होगी, और इस परियोजना की कुल लागत 29,560 करोड़ रुपए होगी।
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