Ghaziabad: ग़ाज़ियाबाद के एक सिविल इंजीनियर ने जीवनभर की मेहनत की कमाई बचाकर रखी थी कि वह ज़रूरत के समय उसका उपयोग करेगा मगर उसे भनक भी नहीं थी कि उसके साथ क्या होने वाला है।
सिविल इंजीनियर ने अपने कमायी हुई पूँजी संभाल कर रखी थी मगर एक प्रोजेक्ट आजाने के कारण उसे वो पैसे उसमे इन्वेस्ट करने पड़े। अपने प्रोजेक्ट के तहत वह पैसे सिविल इंजीनियर ने डेवलपर को दे दिए। और बात ये नहीं कि पैसे दिए, बात ये है कि वह कोई छोटी मोटी रकम नहीं बल्कि २ करोड़ रुपये थे। डेवलपर ने पैसे ले तो लिए, मगर वह उन्हें वापस करने को राज़ी नहीं है।
जानते हैं पूरी खबर
बिल्डिंग का निर्माण पूरा होने के बावजूद सिविल इंजीनियर को लिखित कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से मेहनताना देने से इंकार कर दिया गया। 2 करोड़ रुपए जो कि खून-पसीना बहाके कमाए हुए थे, फ़ोर्स करने पर भी न मिलने पर उसने तंग आकर पुलिस को कंप्लेंट दर्ज करा ही दी। पुलिस ने वेरीफाई करने के बाद शिकायत के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के दो निदेशकों सहित 8 व्यक्तियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
सिविल इंजीनियर देवी सिंह सोलंकी, इंदिरापुरम के रहने वाले हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस से फ़ोन आने पर इंजीनियर साहब को कांटेक्ट में लाने की कोशिश की जा रही थी। इस कंपनी का ऑफिस नेशनल हाईवे-९ कोलंबिया एशिया के विपरीत है। फ़ोन पर बात होने के बाद उनकी वार्तालाप कंपनी के निदेशक रचित सिंघल व सुरेंद्र कुमार से हुई। उन्होंने ये बताया कि कंपनी सिल्वर होम्स नाम का 22 मंजिला टावर का निर्माण कर रही है। सिविल इंजीनियर देवी सिंह से इस बिल्डिंग का कॉन्ट्रैक्ट लेने की वेदना की गयी मगर सोलंकी जी ने ऑफर रिजेक्ट कर दिया।
वह दोनों निदेशक चाहते हैं की देवी सिंह ही ये कॉन्ट्रैक्ट ले और सिर्फ चाहे मशीन और कारीगरों की व्यव्हास्था लें, और बाकी सब चीज़ें जैसे कि सीमेंट,सरिया, इन सब की पूर्ति कंपनी करेगी। और समय से कंपनसेशन भी दे दिया जाएगा। कुछ समय में वे दोनों पार्टियां राज़ी हो गयी और 2016 को काम शुरू होने के लिए तैयार हो गया।
ये लिया गया निर्णय
कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से 10 लाख रुपये एडवांस में दे दिए गए और इंजीनियर ने अपनी तरफ से जीवनभर की कमाई जमापूंजी, 2 करोड़ इसमें लगा दी। लेकिन भुगतान अभी भी बाकी है। बहुत समय के सब्र के बाद भी जब भुगतान नहीं हुआ, तब थक-हारकर देवी सिंह को पुलिस कंप्लेंट करनी पड़ी। एंटी-फ्रॉड सेल में जांच करवाने पर एसीपी वेब सिटी सलोनी अग्रवाल कहती हैं कि 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा, जिसमें दोनों निदेशक, और उनके साथियों को धोखाधड़ी के मामले में रिपोर्ट किया जाएगा।