वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। आमदनी से ज्यादा खर्च को लेकर इन दिनों निगम चर्चा में है। मामला इस बार नालों की सफाई के तीन करोड़ को लेकर है। सूत्र बता रहे हैं कि जिस रकम को निगम द्वारा एक साल में ठेकेदारों से खर्च कराकर नालों की सफाई होनी थी अब वहीं सफाई एक महीने में होगी। सूत्र बता रहे हैं कि जल्द ही तीन करोड़ से निकलने वाली नालों की सिल्ट की इस स्टोरी में बड़ा टविस्ट आने वाला है।
बताया जाता है कि इस मामले में निगम के उच्च अधिकारियों को आंकड़ों से मिसगाईड किया गया है और एक वर्ष के पैसों में निगम नालों की सफाई करेगा और सबसे बड़ी बात ये है कि यहां पर नियम शर्तों में लिखा गया है कि निगम अपने संसाधन पर करायेगा। इसका मतलब यही है कि संसाधन किराये पर लिए जाएंगे। स्टोरी में टविस्ट ये है कि इतने का काम नहीं है जितनी रकम किराये के रूप में संसाधनों को दी जाएगी। ये फाईल स्वीकृत हो चुकी है और निगम के सूत्र बता रहे हैं कि इतने तो डम्पर क्षेत्र में नहीं हैं।
किस कार चालक को मिल गया डेढ़ करोड़ का ठेका
सूत्र बताते हैं कि नाला सफाई के ठेके में मेहरबानी एक अफसर की कार चलाने वाले व्यक्ति पर हुई है। डेढ़ करोड़ का ठेका कार चालक को तो वसुन्धरा में डेढ़ करोड़ का ठेका राशिद अली को मिला है। बताया ये जाता है कि नाला सफाई के इस खेल में सारे रूल फेल हो गये हैं और नालों से निकली सिल्ट के तार भ्रष्टाचार से जुड़े हैं। मामले की अगर जांच हो गयी तो एक बड़ा खुलासा हो सकता है। ये भी संभव है कि कार्य फाईल पर पूरा हो और नियम का पालन भी हो लेकिन अगर तीन करोड़ की इस नाला सफाई का खेल खुल गया तो बड़ा मामला सामने आ सकता है।