पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की दुनिया के सामने अपने गुनाहों को छिपाने के लिए नई आरोपित की जाने वाली गतिविधियों की खोज के दौरान सामने आया है। आईएसआई भारत में युवाओं को गुमराह कर उन्हें आईएसआईएस के नाम पर आतंकी संगठनों में भर्ती कर रहा है। इन आरोपितों के पकड़े जाने पर, आईएसआई की जगह आईएसआईएस के गुप्त गतिविधियों का पर्दाफाश हो सकता है।
दूसरी ओर, वर्ष 2002 में अक्षरधाम पर आतंकी हमला करने वाले आतंकियों से एक संबंध सामने आया है, और दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पकड़े गए आतंकी का मकसद दिवाली के मौके पर भीड़भाड़ वाली जगहों पर हमला करना था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2002 में अक्षरधाम पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले को आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा ने मिलकर कार्यान्वित किया था। आईएसआईएस ने इस हमले को फरातुल्ला गौरी और उनके दामाद शाहिद फैसल के साथ कार्यान्वित किया था। इन दोनों आतंकी आक्रमण के बाद पाकिस्तान चले गए थे।
इनके पाकिस्तान जाने से अक्षरधाम पर आतंकी हमले के पाकिस्तान के खिलाफ सबूत मिल गए थे। ऐसे में, अब खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत में आतंक फैलाने की रणनीति बदल दी है।
अब आईएसआई आईएसआईएस के नाम पर भारत में ही युवाओं को आतंक के लिए भर्ती कर रही है। आईएसआईएस के नाम पर भटके हुए युवाओं को भर्ती करने वाले अगर आतंकी होते हैं, तो उनका हैंडलर, खलीफा, पाकिस्तान में बैठा हुआ है। आईएसआई की रणनीति यह है कि इन भटके हुए युवाओं को भर्ती करके आईएसआईसी के नाम के तहत भारत में आतंकी वारदात करवाने का प्रयास किया जा रहा है।
आईएसआई ने यह काम अब गौरी के दामाद, शाहिद फैसल को भारत में आतंकी भर्ती करने का जिम्मा सौंपा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शाहिद फैसल द्वारा किए गए आतंकी भर्तियों में, कुछ के लिंक मो. शाहनवाज और फरार आतंकी मो. रिजवान के साथ भी जुड़े हुए हैं।
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकी दिवाली के समय भीड़भाड़ वाली जगहों पर बम धमाके करने की साजिश रच रहे थे। दिल्ली पुलिस यह जाँच कर रही है कि आतंकी ने कितनी जगहों पर बम धमाके की साजिश रची थी।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार आतंकी मो. शाहनवाज आलम, मोहम्मद रिजवान अशरफ जो मौलाना के नाम से भी जाने जाते हैं, और मोहम्मद अरशद वारसी जंगल में बम बनाने और उन्हें चलाने के साथ ही जंगल में रहने की प्रैक्टिस कर रहे थे। एसीपी ललित मोहन नेगी की देखरेख में, इंस्पेक्टर विनयपाल और इंस्पेक्टर अरविंद सिंह की टीम द्वारा जांच में यह बात सामने आई है कि ये आतंकी बम धमाके करने के बाद जंगल में छिपकर रहते थे।
जैतपुर में बारूद को प्रबल बनाने वाले केमिकल मिले हैं।
दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जैतपुर में स्थित मो. शाहनवाज आलम के ठिकाने से ऐसे केमिकल मिले हैं, जिनसे बारूद को मजबूत किया जाता है। पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि आरोपी केमिकल को कहां से लाया गया था।