किस भगवा पार्षद ने ले लिए दूसरे पार्षद से ढाई लाख के दाम
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। कहावत है कि दोस्ती पक्का लेकिन खर्चा अपना-अपना। मगर नदिया पार में नई कहावत ने जन्म लिया है और वो ये है कि पार्टी एक रहेगी लेकिन बिजनेस अपना-अपना। किस्से में दो पार्षद हैं और दोनों ही पार्षद भगवा है। जनप्रतिनिधि केवल जनप्रतिनिधि नहीं है बल्कि वो एक संस्था के भी प्रतिनिधि है। बिजनेस भी करते है और उनका विश्वास है कि पैसे है तो राजनीति है वरना कोई भी नीति नहीं है। लिहाजा यहां पर धंधे में नो कंपरोमाइज वाला सीन है। सूत्र बताते हैं कि पार्षद का बिल्डर व्यवसाय है और उन्होंने दूसरे वॉर्ड में बिजनेस करने के उद्देश्य से एक प्लॉट खरीद लिया। अभी प्लॉट टू फ्लैट की पहली र्इंट लगी भी नहीं थी कि इस वॉर्ड के पार्षद आ गए। एक पार्टी, एक दल लेकिन यहां बिजनेस आड़े आ गया। दूसरे पार्षद ने प्लॉट पर हवन-पूजन के बाद पहली र्इंट रखी ही थी कि इस वॉर्ड के पार्षद आ गए। उन्होंने बता दिया कि भले ही हम दोनों फूल वाले है लेकिन मेरे अपने कुछ रूल है। धंधे के उसूल है और फिर बता दिया कि क्या करना है। बिल्डर पार्षद ने दूसरे पार्षद को समझाया लेकिन दूसरे पार्षद ने बिल्डर पार्षद को नींव खुदने से पहले ही बता दिया कि जीडीए के ये नियम है और निगम के ये नियम है और मेरे ये नियम है। अब बिल्डर पार्षद तो इस शिकायती बिजनेस के पुराने खिलाड़ी है। वो जानते थे कि डील कैसे करनी है और भले ही हम दोनों फूल वाले है लेकिन मामले को तूल नहीं देना है। बताते हैं कि प्लॉट टू फ्लैट का सफर आसानी से हो इसके लिए भगवा पार्षद ने भगवा पार्षद को ही ढाई लाख रुपये केदाम चुकाए। किस्सा नदिया पार से लेकर भाजपा टोली तक गंूज रहा है।