Ghaziabad: गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में गंगाजल परियोजना की सप्लाई कराने के लिए निवासी पिछले 5 वर्षों से प्रयासरत रहे हैं। खोड़ा के नजदीक स्थित इंदिरापुरम, नोएडा, दिल्ली, और मयूर विहार में गंगा परियोजना से जल आपूर्ति की जाती है, लेकिन खोड़ा कॉलोनी इस सुविधा से वंचित है। इसके कारण लोगों को अवैध तरीके से बोरिंग कर पानी निकालना पड़ता है।
5 दिनों से चल रहा अनशन
खोड़ा रेजिडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष और उनके दो साथी पिछले 5 वर्षों से लगातार खोड़ा कॉलोनी में गंगाजल परियोजना को लाने के लिए प्रयासरत हैं। लोगों ने पिछले पांच दिनों से आमरण अनशन करने का निर्णय लिया है और कहा है कि वे अब खोड़ा में गंगाजल परियोजना के पानी आने के बाद ही अन्न ग्रहण करेंगे।
क्यों नहीं पानी, पीने योग्य
धरना दे रहे दीपक जोशी ने बताया कि खोड़ा कॉलोनी में भूजल स्तर एक हजार फीट नीचे चला गया है और यहां पानी की गुणवत्ता बेहद खराब है। टीडीएस की मात्रा 700 से ऊपर है, जो कि पीने योग्य पानी नहीं है। लोग इसके बावजूद सबमर्सिबल का पानी पीने के लिए मजबूर हैं। दीपक जोशी के साथ आमरण अनशन पर बैठे अमरचंद ठेकेदार और मनोहर देवतला ने भी कहा कि जब तक खोड़ा में पानी नहीं आता, वे अन्न नहीं खाएंगे।
इन सबका मिल रहा है समर्थन
खोड़ा के निवासी रविकांत भारद्वाज ने बताया कि पिछले 5 वर्षों के दौरान खोड़ा में हुए सभी चुनाव पानी के मुद्दे पर लड़े गए हैं, लेकिन किसी भी नेता ने इस मुद्दे पर कुछ किया नहीं है। इस वजह से लोग अब आमरण अनशन का समर्थन दे रहे हैं और धरना देने वाले दीपक जोशी को समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा, धरने पर बैठे दीपक जोशी को साथ हरिओम, मेघानंद, गुलाब सिंह गौतम, असलम खान सहित सैकड़ों लोग समर्थन दे रहे हैं।
5 वर्षों से हो रहा है खतरा
खोड़ा कॉलोनी के निवासी रविकांत भारद्वाज ने बताया कि इस समय के लिए वे यहां पर से सबमर्सिबल का पानी पीने के लिए मजबूर हैं, जो कि गुणवत्ता में कमी के कारण सवार नहीं है। इस सत्य के सामने होकर वे और उनके साथी दीपक जोशी, अमरचंद ठेकेदार, और मनोहर देवतला ने खोड़ा में जल सप्लाई की मांग में समर्थन की गहरी भावना जताई है। पिछले 5 वर्षों से जो प्रयास खोड़ा कॉलोनी के निवासियों ने किए हैं, वह गंगाजल परियोजना की सप्लाई को लेकर बने रहे खतरे को साफ दिखाता है। इस सबके बावजूद, पिछले पांच दिनों से चल रहे आमरण अनशन ने एक नए चरम पर पहुंचाया है। लोगों का कहना है कि इस आंदोलन का उद्देश्य सिर्फ खोड़ा में जल सप्लाई की सुरक्षित सुनिश्चित करना है और इस तरह की अवैध प्रथाओं को समाप्त करना है।
आमरण अनशन पर बैठे लोगों की ज़िंदगी में अस्तित्व की चुनौती खड़ी है। दीपक जोशी, अमरचंद ठेकेदार, और मनोहर देवतला ने सुनिश्चित किया है कि वे इस मुद्दे पर स्थिर रहेंगे और अपने मानवाधिकार की रक्षा करेंगे। यहां उनके साथ जुड़े हरिओम, मेघानंद, गुलाब सिंह गौतम, असलम खान, और बहुत से और लोग भी उनके समर्थन में खड़े हैं। यह सत्य है कि खोड़ा में पानी की समस्या अब बहुत लंबे समय से चली आ रही है, और यह लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है। इस असुविधा को दूर करने के लिए लोग अपने अधिकार को सामने रख रहे हैं और आमरण अनशन के माध्यम से अपने सवार्थ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसके बिना, यह सुनिश्चित करना मुश्किल है कि लोगों को सुरक्षित और स्वास्थ्यपूर्ण पानी मिले और वे अपने जीवन को सामान्य रूप से जी सकें।