Ghaziabad: उत्तर प्रदेश के एटीएस और आईबी के संयुक्त अभियान के दौरान भोजपुर थाना क्षेत्र में एक मॉड्यूल का खुलासा किया गया है, जिसमें स्लीपर सेल का संरचना किया गया था। इस अभियान का हिस्सा बनते हुए, कस्बा फरीदनगर के निवासी रियाजुद्दीन को पाकिस्तान से 70 लाख रुपए की एक ट्रांजेक्शन के बाद गिरफ्तार किया गया है। इस मामले के पीछे यह सिद्ध हो रहा है कि स्लीपर सेल देश की गोपनीय सूचनाओं को बेचने का अपराध कर रहा था।
हुआ गिरफ्तार
गिरफ्तारी के बाद, जांच में सामने आया है कि रियाजुद्दीन का खाता बिहार के चंपारण निवासी इजहारुल हुसैन के नाम पर था, जो इसे संचालित कर रहे थे। इजहारुल हुसैन ने इसके बदले में रियाजुद्दीन को 10 हजार रुपए प्रतिमाह देने का अनुबंध किया था। इजहारुल हुसैन की गिरफ्तारी होने के बाद डीसीपी ग्रामीण विवेक चंद्र यादव के अनुसार, रियाजुद्दीन को उत्तर प्रदेश एटीएस और आईबी ने गिरफ्तार किया गया है। रियाजुद्दीन ने हापुड़ में खराद का काम किया और कभी-कभी फरीदनगर जाता था। हालांकि, उसके परिवार के साथ झगड़ा चल रहा था और इसके बाद वह हापुड़ में रहकर खराद का काम कर रहा था।
बेच रहा था रहस्यमयी सूचना
इजहारुल हुसैन की गिरफ्तारी का मुख्य कारण है रियाजुद्दीन के साथ संबंधित तस्वीर साफ हो जाएगी और सारी स्थिति स्पष्ट होगी। इसके बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस इस मामले के लिए उच्च स्तरीय जांच करेंगे ताकि इस प्रकार के गतिविधियों को रोका जा सके और देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके। इस मामले में अब यह भी स्पष्ट होने की आवश्यकता है कि स्लीपर सेल किस तरह से देश की गोपनीय सूचनाएं बेच रहा था और क्या-क्या सुरक्षा सावधानियां उसमें उपयोग में लाई जा रही थीं। यह घटना दिखाती है कि सुरक्षा प्रणालियों को और भी मजबूत बनाए जाने की आवश्यकता है ताकि देश की सुरक्षा में कोई कमी न रहे।
रोकने की साज़िश
रियाजुद्दीन जैसे व्यक्तियों से जुड़े रहने वाले अन्य लोगों की जानकारी का भी खुलासा होना चाहिए ताकि ऐसी गतिविधियों को पूरी तरह से रोका जा सके। साथ ही, इस घटना ने यह भी दिखाया है कि नागरिकों को भी सतर्क रहना आवश्यक है ताकि उनकी सहायता से आतंकी गतिविधियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया जा सके। इसके अलावा, सरकार को भी इस मामले का सख्ती से सम्मान करने और सुरक्षा में सुधार करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। सुरक्षा एजेंसियों को नवीनतम तकनीकी सुधार, और सबसे महत्वपूर्णता, बेहतर संबंधित जानकारी एवं सूचना प्रणाली प्रदान करने के लिए समर्थ बनाना आवश्यक है।
यह घटना भी दिखाती है कि सीमा प्रदेशों के साथ समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है ताकि सीमाओं के पार भी गतिविधियों को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सके। इससे आतंकवाद, धर्मांतरण और अन्य गतिविधियों को रोकने का काम सरल होगा। आखिरकार, इस मामले से सबक सीखना होगा कि सुरक्षा एजेंसियों, सरकार और नागरिक समूहों को मिलकर काम करना होगा ताकि देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके और ऐसी घटनाएं होने से बचा जा सके।
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