Ghaziabad: भाजपा के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने लोनी विधानसभा क्षेत्र से किसान नेता राकेश टिकैत पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। विधायक ने यह विवादित बयान दिया कि वे बगपत के डगरपुर गांव में आये एक कुश्ती प्रतियोगिता के मौके पर उन्होंने टिकैत के साथ किये गए आपसी मुलाकात को लेकर सख्त रूप से आलोचना की। इसके साथ ही, विधायक ने किसानों के साथ उनकी गरिमा को उधारा करते हुए आगे कहा कि टिकैत के खिलाफ कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
काला अध्याय
नंदकिशोर गुर्जर ने इस कार्यक्रम के दौरान इतिहास के साथ याद दिलाया कि राकेश टिकैत को ‘काले अध्याय’ के रूप में मना जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कृषि सुधार बिल पारित होता, तो किसानों की जीवनशैली में क्रांति आ सकती। इसे जानकर ताक़तवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाये गए कृषि सुधार बिल के प्रति उनकी जो जिम्मेदारी थी। वे कहते हैं कि टिकैत ने खालिस्तानियों और आपत्तिजनक तत्वों के साथ मिलकर किये गए कुकृत्य के कारण, देश के किसानों को दो सालों तक उनके हक से वंचित रखा है।
किसानों के साथ किया धोखा
भाजपा विधायक ने कहा कि टिकैत ने खालिस्तान का प्रतीक झंडा फहराया और भारतीय तिरंगा को उतारा। उनका मानना है कि हमारा देश तीन बार गुलाम हुआ है, पहली बार मुग़लों ने, दूसरी बार अंग्रेजों ने और अब तीसरी बार राकेश टिकैत ने गुलाम किया है। विधायक ने तोपें उठाई हैं, और इसके साथ ही टिकैत द्वारा किए गए व्यवहार को घृणित माना है, जैसे कि उन्होंने किसानों के साथ धोखा किया है।
भाजपा विधायक द्वारा दिए गए इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। उनका मानना है कि राकेश टिकैत का समर्थन करने वाले किसान आदिवासी समुदायों के साथ मिलकर किए गए कदमों के परिणामस्वरूप वे देश के सुरक्षा के खिलाफ कदम उठा रहे हैं। उनके अनुसार, राकेश टिकैत के द्वारा किए गए व्यवहार से देश की एकता और सुरक्षा को खतरा हो रहा है।
लोगों का मानना
गुर्जर ने इस विवादित बयान के माध्यम से किसान आंदोलन के प्रमुख नेता राकेश टिकैत के खिलाफ आवाज उठाई है और उन्हें देश की सुरक्षा के खिलाफ कदम उठाने का आरोप लगाया है। वे कहते हैं कि टिकैत और उनके समर्थकों ने खालिस्तानी तत्वों के साथ मिलकर किसान आंदोलन को अपने राजनैतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया है, जिससे देश के सुरक्षा संकट में आ सकता है।
इसके अलावा, गुर्जर ने टिकैत को बिना खुल के सामूहिकता की रक्षा करने के आरोप में भी डाला है। उन्होंने कहा कि टिकैत केवल किसानों के बीच में आकर उनका साथ देने का दिखावा कर रहे हैं, और यदि वे नहीं होते, तो उनके साथ निश्चित रूप से बुरा व्यवहार करते।