Ghaziabad: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के वकीलों के बीच एक बड़ा आंदोलन दशकों से जारी है, जो हाईकोर्ट बेंच की न्यायिक मांग को लेकर है। इस आंदोलन के तहत, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वकील हर सप्ताह शनिवार को धरना देते हैं, इसके साथ ही आज गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने इस मांग को प्रभावी तरीके से बढ़ावा दिया। गाजियाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश त्यागी ने इस बैठक का आयोजन किया था।
कई सालों से कर रहे थे मांग
पूरे मामले का महत्व बढ़ रहा है, क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच की दूरी बहुत बड़ी है, जिससे न्याय प्राप्त करने के लिए समय और धन की बर्बादी हो रही है। यह सिर्फ वकीलों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी न्यायालय के अच्छूत नागरिकों के लिए भी समस्याओं का स्रोत बन चुका है। इस आंदोलन का इतिहास भी काफी लंबा है, क्योंकि वकील संघ इस मांग के साथ पिछले 45 साल से संघर्ष कर रहे हैं। 22 जिलों के वकील हर सप्ताह हड़ताल पर रहते हैं और कई बार इस मुद्दे पर बड़े स्तर पर आंदोलन भी किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस मुद्दे पर कई बार डीएम के माध्यम से ज्ञापन दिया गया है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
ये है लोगों की सबसे बड़ी समस्या
इस आंदोलन के पीछे की बड़ी समस्या है हाईकोर्ट की बेंच की दूरी, जिसके कारण लोगों को न्याय प्राप्त करने में कठिनाइयाँ आ रही हैं। पश्चिमी यूपी के कई जिलों से प्रयागराज की दूरी लगभग 750 किलोमीटर है, जो आने-जाने में समय और धन की बर्बादी का कारण बन रही है। इस कारण से अधिकांश लोग कई मामलों में न्याय से वंचित रह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, हर व्यक्ति को सस्ता और सुलभ न्याय मिलना चाहिए, लेकिन पश्चिमी यूपी में इस मांग की पूरी तरह से उपेक्षा की जा रही है। गाजियाबाद में होने वाली बैठक में लिए जाने वाले निर्णय के बाद, वकील समुदाय ने इस मांग के साथ और भी सशक्त रूप में आंदोलन करने का आलंब लिया है।
इस संघर्ष के माध्यम से वकील समुदाय अपने अधिकारों की रक्षा कर रहा है और न्याय के प्रति अपनी भरपूर संकल्पिता दिखा रहा है। आज यह आंदोलन न्यायिक समाज के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है, जिसका मुख्य उद्देश्य न्याय की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। गाजियाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश त्यागी ने इस बार बैठक का आयोजन किया और वकील समुदाय को एक साझा मंच पर आने का आह्वान किया है, ताकि वे अपने मांगों को प्राधिकृत तरीके से प्रस्तुत कर सकें।
इस आंदोलन के माध्यम से वकील समुदाय ने यह संदेश दिया है कि वे न्याय के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं और वे इस मांग को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस आंदोलन के माध्यम से वकील समुदाय ने अपने अधिकारों की रक्षा करने का आलंब लिया है और न्याय के प्रति अपनी भरपूर संकल्पिता दिखा रहा है।