गाजियाबाद। गाजियाबाद में बसपा अध्यक्ष मायावती यहां के लोकसभा प्रत्याशी से नंदकिशोर पुंडीर को एक उम्मीद दे गई। यहां अपने भाषण में दलितों, किसानों और मुस्लिमों को साधने का प्रयास किया। उनका सबसे ज्यादा जोर भाजपा से नाराज बताए जा रहे क्षत्रिय समाज के लोगों को बसपा के पाले में करने पर रहा। इसी के साथ उन्होंने इस चुनाव में पश्चिम उत्तर प्रदेश में टिकट बंटवारे में की गई हर वर्ग की भागीदारी के जरिये अपनी सोशल इंजीनियरिंग को समझाने की भी कोशिश की। बसपा प्रमुख मयावती ने रविवार को गाजियाबाद में एक रैली को संबोधित किया। मायावती ने कहा, “जुमलेबाजी अब काम नहीं आने वाली है। जनता अच्छे दिन आने के सपनों की असलियत जान चुकी है। भाजपा इस बार केंद्र में वापस नहीं आने वाली है। यदि चुनाव में गड़बड़ी नहीं हुई। साफ-सुथरे ढंग से निष्पक्ष चुनाव हुआ तो भाजपा दोबारा आने वाली नहीं है। राशन से लोगों का भला होने वाला नहीं है, काम देने से ही जीवन स्तर में सुधार होगा।” उन्होंने कहा कि टिकट बंटवारे में भी उन्हें उचित भागीदारी दी है। कई टिकट क्षत्रिय समाज को दिए हैं, गाजियाबाद इसका जीता जागता उदाहरण है। यहां समाज के नंदकिशोर पुंडीर को टिकट दिया गया है। पंजाबी समाज से जितेंद्र कालरा को लखीमपुर खीरी से टिकट दिया है। गुर्जर समाज से बागपत में टिकट दिया है।
मायावती ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार ने पूर्व में केंद्र में सत्ता में रही कांग्रेस सरकार की तरह किसानों पर ध्यान नहीं दिया। भाजपा की जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी सोच और नीतियां किसानों का उत्थान नहीं कर पाई हैं। गरीब, आदिवासी, दलित, मुस्लिम और समाज के अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के स्तर को सुधारने और उनके कल्याण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। बेरोजगारों को रोजगार देने और शिक्षा नीति में सुधार को लेकर कोई काम नहीं हुआ। भाजपा ने कांग्रेस से भी आगे जाकर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया है।
किसान नीति पर सरकार को घेरा
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में चार बार बसपा सरकार रही और उन सरकारों ने किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिया, किसानों का भला किया। लेकिन मौजूदा सरकार की गलत कृषि नीतियों के चलते किसान आंदोलित रहता है। गलत आर्थिक नीतियों की वजह से देश का विकास रुक गया है। देश में फैला भ्रष्टाचार विकास में बड़ी बाधा है।गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र से नंदकिशोर पुंडीर के रूप में पहली बार क्षत्रिय समाज का उम्मीदवार उतारने वाली मायावती ने हाल के दिनों में हुईं क्षत्रिय समाज की उन पंचायतों का विशेष रूप से उल्लेख किया, जिनमें भाजपा को वोट न देने का एलान किया गया। मायावती ने कहा, मुझे जानकारी मिली है कि इन पंचायतों में यह फैसला लिया गया है कि जिस पार्टी ने हमारे समाज को भागीदारी दी है, हमारा वोट उसी को जाएगा। इसके लिए मैं क्षत्रिय समाज का आभार प्रकट करती हूं। उन्होंने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में क्षत्रिय समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं लेकिन दुख की बात है कि भाजपा व अन्य दल जो अपने आप को क्षत्रियों का हिमायती कहते हैं, इस बार समाज के लोगों को टिकट नहीं दिया। भाजपा ने उनकी उपेक्षा की है। बसपा एक ऐसी पार्टी है, जिसने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अन्य समाज के साथ क्षत्रिय समाज का भी आदर और सम्मान किया है।
दलितों को साधने के लिए उन्होंने कहा कि महापुरुषों का सम्मान करने के अपने एजेंडे पर चलती रहेंगी। किसानों के आंदोलन के लिए भाजपा सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही खास तौर से उल्लेख किया कि बसपा की सरकार के समय गन्ना मूल्य सबसे ज्यादा बढ़ाया गया था।
मुस्लिमों को साधने के लिए उन्होंने यह भरोसा दिलाने का प्रयास किया कि उनकी केंद्र में सरकार आने पर अल्पसंख्यकों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होने दिया जाएगा। कुल मिलाकर उन्होंने यह समझाने का प्रयास किया कि प्रदेश में उनकी चार बार की सरकारों के समय कामकाज का जैसा तरीका रहा, अगर केंद्र में मौका मिला तो यह वैसा ही रहेगा।
उम्मीदवार बदले
उन्होंने गाजियाबाद सीट पर उम्मीदवार बदले जाने की वजह भी बताई। यहां पहले पंजाबी समाज के अंशय कालरा को टिकट दिया गया था। उनका टिकट काटकर नंद किशोर पुंडीर को उम्मीदवार बनाया गया। इस पर मायावती ने कहा, पंजाबी-सिख समाज का सम्मान रखते हुए लखीमपुर खीरी में प्रत्याशी उतारा है। गाजियाबाद और आसपास बड़ी संख्या में पिछड़े समाज के लोग रहते हैं। इसे ध्यान में रखकर बागपत सीट से गुर्जर समाज के प्रवीण बैंसला को टिकट दिया है।