बेहतर जानते हैं कि किस चीज की है जरूरत और कौन देगा कमांड
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेन्द्र कश्यप सत्ता से लेकर संगठन तक अनुभव रखते हैं। वो जानते हैं कि मौके पर चौका कैसे मारना है। क्षेत्र की क्या जरूरत है और इसे कौन से मौके पर किस तरह से मांगना है इसे वो बेहतर जानते हैं। जब गाजियाबाद में दो डिप्टी सीएम आये तो यहां गाजियाबाद की उस आवाज को राज्यमंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बिल्कुल मौके पर उठाया जो आवाज गाजियाबाद के जनप्रतिनिधियों की है और जो आवाज नदिया पार के लोगों की है। बड़ी बात ये है कि नरेन्द्र कश्यप ने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि डिप्टी सीएम के पास कौन सा विभाग है और उन्हीं के विभाग से जुड़ी डिमांड रखी। जब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्या और राज्यमंत्री स्वतंत्रप्रभार नरेन्द्र कश्यप एक साथ मिले तो यहां पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर से राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेन्द्र कश्यप ने एक सुन्दर नया डाक बंगले का सभागार मांग लिया। बताते हैं कि यहां पर ये बात उठी कि गाजियाबाद जिले में जो डाक बंगला है जो लोकनिर्माण विभाग गेस्ट हाउस है। वह बेहद पुराना है और एक तहसील स्तर की सुविधायें लिए हुए है। जबकि दिल्ली से सटा होने के कारण गाजियाबाद वीआईपी एरिया माना जाता है अक्सर सरकार के मंत्री यहां रूकते हैं। यहां पर राज्यमंत्री नरेन्द्र कश्यप ने डिप्टी सीएम और लोकनिर्माण विभाग देख रहे केशव प्रसाद मोर्या से मांग की कि मेरठ जैसा सर्किट हाउस गाजियाबाद में भी होना चाहिए। उन्हें बताया कि कई बार सदस्यों की संख्या ज्यादा होने पर सरकार से जुड़ी कोई बैठक यहां नहीं हो पाती है। कई बार सदस्य ज्यादा हो जाते हैं तो बैठने की संख्या कम पड़ती है। यदि एक बढ़िया गेस्ट हाउस यहां डाक बंगले के स्थान पर बना दिया जाये तो व्यवस्था में एक बड़ा सुधार होगा। बताते हैं कि डिप्टी सीएम ने इस मांग पर विचार करने का भरोसा दिया है। बड़ी बात ये है कि जिस बात को अभी तक जनप्रतिनिधि नहीं कह पा रहे थे उस बात को राज्यमंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बेहतर तरीके से रखा है और आने वाले समय में इस पर एक्शन भी हो सकता है।
हैल्थ मंत्री से की डिमांड, सरकारी अस्पताल की हालत में हो सुधार
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेन्द्र कश्यप भगवागढ़ की राजनीति के पुराने चेहरे हैं। उनका जीवन समाजसेवा और जनप्रतिनिधि के रूप में अधिक बीता है। तीन बार एमएलसी रहे हैं। एक बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। लिहाजा वो जानते हैं कि जनता के लिए क्या जरूरी है। राजनीति में क्या जरूरी है। जनप्रतिनिधियों के लिए उन्होंने बड़े सर्किट हाउस की मांग की तो जब दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से वो मिले तो यहां उन्होंने ब्रजेश पाठक के उस विभाग से जुड़ी मांग रखी जिसके ब्रजेश पाठक मंत्री हैं। बीते दिनों ब्रजेश पाठक ने सरकारी अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया था। जब राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेन्द्र कश्यप की मुलाकात डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से हुई तो सबसे पहले साहिबाबाद क्षेत्र में एक सरकारी अस्पताल की मांग करते हुए कहा कि इस विषय पर युद्ध स्तर पर काम होना चाहिए। वहीं उन्होंने सरकार अस्पताल के उच्चीकरण की मांग की। नरेन्द्र कश्यप ने करंट क्राइम से बातचीत में कहा कि सरकारी अस्पताल का गरीब वर्ग को फायदा तब हो सकता है जब अस्पताल में अच्छी सुविधायें मौजूद हैं। मैंने स्वयं डिप्टी सीएम और स्वास्थय एवं चिकित्सा मंत्री ब्रजेश पाठक से जिला अस्पताल को लेकर बात की है और स्वयं हैल्थ मिनिस्टर ने इस बात पर सहमति भी जताई है और जल्द ही इस दिशा में काम शुरू हो जायेगा। वही वो साहिबाबाद क्षेत्र में एक सरकारी अस्पताल जल्द से जल्द जनता को सौंपे जाने के पक्ष में हैं।