गार्बेज फैक्ट्री से लेकर खेलों के मैदान तक बनाई गाजियाबाद नगर निगम की एक अलग ही पहचान
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। गाजियाबाद नगर निगम में नगरायुक्त के रूप में आईएएस अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने एक सफल पारी खेला और अपने 25 महीनें और एक दिन के कार्यकाल के दौरान आईएएस अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने कई योजनाओं का संचालन निगम में कराया। निगम में कराई गई सफल योजनाओं के संचालन के साथ वह अपने अधीनस्थ अधिाकरियों में भी खूब लोकप्रिय रहे। अपने कार्यकाल में समय समय पर उन्होंने एक सफल अधिकारी की मिशालें पेश की और निगम को योजनाओं को लाभ दिलाया। बीते रविवार की रात्रि में आईएएस अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर का तबादला उत्तर प्रदेश शासन की ओर से किया गया और उन्हें गाजियाबाद नगर निगम के नगरायुक्त के पद से पदमुक्त करते हुए उन्हें गोरखपुर विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। आईएएस अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर मंगलवार को आईएएस अधिकारी नितिन गौर को नगरायुक्त का पदभार सौंपने के बाद बुधवार को गोरखपुर विकास प्राधिकरण के वीसी का चार्ज संभालेंगे।
बता दें कि आईएएस अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर का गाजियाबाद नगर निगम में नगरायुक्त के रूप में 18 अगस्त वर्ष-2020 को चार्ज संभाला था। चार्ज संभालने के बाद महेंद्र सिंह तंवर ने जनता को सहुलियतें देने की दिशा में भरसक कदम उठाये और जनता से सीधा संवाद स्थापित किया।
कोरोना कॉल में आक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन को किया मैनेज
नगरायुक्त के रूप में आईएएस अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर की गाजियाबाद में तैनाती कोरोना कॉल के दौरान हुई थी। कोरोना की दूसरी लहर जब देश में कोहराम मचा रही थी उस समय नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने नगरायुक्त के रूप में बेहतर कार्य किए। कोरोना काल में नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने उस समय आॅक्सीजन के डिस्ट्रीब्यूशन को मैनेज किया और लाखों लोगों को संजीवनी देने का काम किया। आक्सीजन के समस्त डिस्ट्रीब्यूशन की बागडौर आईएएस अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने अपने हाथों में ली और कोरोना काल में आॅक्सीजन की आपूर्ति को मैनेज कर लोगो को बड़ी राहत दी। कोरोना कॉल के उस दौर के बाद नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर का कई सामाजिक संस्थाओं की ओर से भी स्वागत किया गया।
स्वच्छता की रैंकिंग में निगम को कराया पास
नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद गाजियाबाद में अनेकों कार्य किए। निगम की पूरी टीम को स्वच्छता के मिशन में लगाया, टीम ने टीमवर्क के आधार पर कार्य किए और गाजियाबाद नगर निगम को स्वच्छता की रैंकिंग में पास कराया। कई बार निगम को स्वच्छता के चलते प्रथम स्थान भी प्राप्त हुआ है और कई बार नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर आयोजित कार्यक्रमों में सम्मानित भी हो चुके हैं।
गजब गाजियाबाद स्लोगन प्रदेशभर में छाया
नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर की पहल पर गजब गाजियाबाद के स्लोगन नगरीय क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर लगाये गये जिसे जनता ने खूब सराहा। इस कदम के चलते पूरे प्रदेश में गजब गाजियाबाद की तर्ज पर अन्य जनपदों में भी स्लोगन को लगाया गया।
कड़े स्तर पर कराई गई निगम की जमीन खाली
नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने चार्ज संभालने के साथ ही कई योजनाओं पर त्वरित कार्य शुरू किया था। उनकी प्राथमिकताओं में निगम की जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को हटाना था, इसी के तहत निगम ने अरबों की जमीन को खाली कराया। लंबे समय से किए गए अवैध कब्जों को कब्जा मुक्त कराया गया और अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया। करीब 2014 करोड़ रुपये की निगम जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया।
कराये गये प्रमुखता से खेल मैदान तैयार
नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर की मौजूदगी में निगम क्षेत्र में कई स्थानों पर खेल मैदान तैयार कराये गये। बड़े स्तर पर वार्ड के पार्को आदि के सौन्दर्यकरण की योजना को जमीन पर उतारने का काम किया गया। स्पोटर्स को बढ़ावा देने के लिए भी निगम में व्यापक स्तर पर कार्य किए गए।
वेस्ट निस्तारण को लेकर निगम बना आत्मनिर्भर
ट्रिपल पी मॉडल के आधार पर गाजियाबाद नगर निगम में गार्बेज फैक्ट्री स्थापित की गई। स्थापित की गई गार्बेज फैक्ट्रियों के माध्यम से वेस्ट निस्तारण की दिशा में गाजियाबाद नगर निगम आत्मनिर्भर बना। आज गाजियाबाद नगर निगम अपने वेस्ट निस्तारण के माध्यम से बड़े स्तर पर कमाई कर रहा है। 75 टन रोजाना कूड़े का निस्तारण उक्त योजना के माध्यम से किया जा रहा है।
बॉयो सीएनजी प्लांट का कराया निर्माण
निगम की डीजल चोरों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से निगम में बॉयो सीएनजी प्लांट लगाने की दिशा में नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर की ओर से कदम उठाये गये। राजनगर एक्सटेंशन में इसे स्थापित किया जाना है इसकी दिशा में निगम की ओर से प्रभावी कदम भी उठाये गये। उक्त प्लांट के माध्यम से रोजाना 10 टीपीडी सीएनजी की उत्पादकता की जायेगी।
निगम को डिजीटल बनाने में किए भरसक प्रयास
नगरायुक्त के रूप में आईएएस अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने गाजियाबाद नगर निगम में तैनाती होने के बाद से वर्किंग को डिजिटल करने का कार्य किया। वर्किंग को डिजिटल करने के साथ-साथ गाजियाबाद नगर निगम की सर्विस भी हाईटेक की जा रही थी। आम जनता को सहुलियतें देने की दिशा में काम किए गए और आज इसका नतीजा है कि निगम ने डिजीटली युग की तरफ कदम बढ़ाये हैं, नहीं तो इससे पहले निगम का कार्य मैन्युवल आधार पर ही किया जाता था।
प्लास्टिक टयूरिज्म को मिला बढ़ावा
निगम ने बेकार प्लास्टिक को भी इस्तेमाल कर एक बड़ी मिसाल पेश की। प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं का निर्माण कराया गया यहां तक की प्लास्टिक आधारित सडकों का निर्माण भी कराया गया। आज प्लास्टिक के माध्यम से निगम पर्यावरण को जहां सुरक्षित कर रहा है वहीं प्लास्टिक का निस्तारण भी प्रमुखता से किया जा रहा है।
तालाबों का कराया गया जीर्णोद्वार, कई लापता तालाब किए जीवित
नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर के प्रयासों के चलते लंबे समय से हींण क्षींण पड़े तालाबों को जीवित करने की दिशा में कदम उठाये गये। नगरीय क्षेत्र के दर्जनों ऐसे तालाब रहे जिन्हें प्रमुखता से जीर्णोद्वार कराके उनका सौन्दर्यकरण कराया गया। इसके अलावा कई तालाब ऐसे थे जो राजस्व अभिलेखों में जरूर थे लेकिन मौके पर नहीं थे जिन्हें ढूंढ कर उनका दोबारा से तालाब में निर्माण कराया गया।
शिकायतों के निस्तारण के लिए बताया इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम
नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने गाजियाबाद नगर निगम को जहां डिजीटल बनाने में अपना अहम योगदान दिया वहीं उन्होंने सबसे पहले गाजियाबाद में इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाया, ताकी लोग अपनी शिकायत आसानी से दर्ज करा सकें। आज निगम का कंट्रोल रूम जनता के लिए किसी वरदान से कम नहीं है और कंट्रोल रूम में दर्ज होने वाली शिकायतों पर तत्काल प्रभाव से काम किया जाता है।
पीटूपी मॉडल से ठेकेदारों को पहुंचाई राहत
नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने अपने 25 महीनें और एक दिन के कार्यकाल में अनेकों योजनाओं का लाभ शहर की जनता को दिया। उन्होंने ठेकेदारों के पैमेंट मसले में पारदर्शिता लाने के लिए पीटूपी मॉडल से राहत पहुंचाने का काम किया। पीटूपी यानी प्रॉजेट टू पैमेंट सिस्टम को गाजियाबाद नगर निगम में आॅनलाइन किया गया। आज निगम में ठेकेदारों के लिए पीटूपी मॉडल किसी वरदान से कम नहीं है और निरंतर इस योजना से पैमेंट मसले को लेकर उठने वाले सवाल निराधार हो रहे हैं।
कूड़ा निस्तारण की दिशा में उठाये प्रभावी कदम
नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने कूड़ा निस्तारण के लिए प्रत्येक जोन में आॅटोमैटिक कूड़ा ट्रांसफर केंद्र बनाने के अलावा शहर को गारबेज फ्री बनाने के लिए मोरटा के पास कचरा निस्तारण फैक्ट्री लगाने की काम किया। शहर की सभी पांच जोन में डोर टू डोर कूड़ा निस्तारण करने से लेकर हर जोन में सेकेंड्री कूड़ा निस्तारण का काम भी प्राइवेट हाथों में देने, हाउस टैक्स जमा कराने के लिए आवेदन करने से लेकर म्यूटेशन आदि की पूरी प्रक्रिया को आॅनलाइन करने के लिए नगर आयुत महेंद्र सिंह तंवर का काफी अहम रोल रहा।