गाजियाबाद, करंट क्राइम : साइबर क्राइम जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसको कंट्रोल करने के लिए पुलिस विभाग में नए-नए प्रयास किया जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब जानकारी यह मिली है कि साइबर क्राइम होने की सूचना देने पर पीड़ित को थाने और साइबर सेल से एक स्लिप प्रदान की जाएगी। जिसकी एक कॉपी पुलिस के पास रहेगी और दूसरी कॉपी पीड़ित के पास मौजूद रहेंगी। वहीं एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने जानकारी दी है कि अब साइबर क्राइम के पीड़ितों से अगर एक लाख रुपये की ठगी होती है तो उनका मुकदमा हर हाल में लिखा जाएगा। दरअसल पहले साइबर क्राइम के अधिकांश मामलों में पुलिस मुकदमे दर्ज की कार्रवाई नहीं करती थी। पुलिस शिकायत के आधार पर ही जांच, पड़ताल और बरामदगी कर लेती थी लेकिन व्यवस्था में बदलाव और साइबर पीड़ितों को अधिक से अधिक राहत देने के लिए यूपी पुलिस की ओर से नया प्रयास शुरू किया गया है। साइबर केस की संख्या गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में बहुत तेजी से बढ़ रही है। प्रतिदिन दर्जनों लोग साइबर ठगी के शिकार भी हो रहे हैं। जिससे पुलिस की टेंशन बढ़नी चालू हो गई है।
इन नंबरों पर भी देनी होगी सूचना
साइबर फ्रॉड के पीड़ितों को मदद पहुंचाने के लिए नेशनल साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल ने भी 1930 नंबर जारी किया है। जिसमें पुलिस के अधिकारियों की लोगों से अपील है कि उनके साथ किसी भी प्रकार का साइबर फ्रॉड होने पर तत्काल 1930 नंबर को डायल किया जाए। यह नंबर 24 घंटों सेवा में रहता है। इसी के साथ 155260 नंबर पर भी उत्तर प्रदेश के रहने वाले नागरिक नेशनल हेल्पलाइन नंबर के रूप में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं ताकि उनके बैंक खातों से कोई पैसे ना निकल पाए और उनको जो नुकसान हुआ है उसे बैंक हर्जाना देने का प्रयास कर सकें।
बढ़ेगा क्राइम ग्राफ, पर मिलेगा पीड़ितों को अधिक न्याय
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद का कहना है कि पुलिस जब एक लाख रुपए से अधिक का साइबर फ्रॉड होने के मामलों में मुकदमे की कार्रवाई करेगी तो इससे क्राइम का ग्राफ तो बढ़ेगा लेकिन साइबर क्राइम के पीड़ितों को न्याय भी अधिक मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने जानकारी दी है कि सरकार की मंशा है कि यूपी के प्रत्येक जिले में एक साइबर सेल का थाना निकट भविष्य में जल्द से जल्द खोला जाए। वहीं वर्तमान में साइबर अपराध से संबंधित मामलों की विशेष जांच के लिए गौतमबुद्धनगर को नोडल कार्यालय का भी दर्जा दिया जा चुका है। मौजूदा समय में गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के प्रत्येक थाने में एक साइबर क्राइम पर काम करने के लिए निरीक्षक की नियुक्ति की गई है। तो वहीं गाजियाबाद की अपनी साइबर सेल भी है जहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनाती देने के साथ ही उनकी एक प्रदेश स्तर की बीते दिनों खास ट्रेनिंग भी दी गई थी ताकि साइबर पीड़ितों को त्वरित कार्रवाई का लाभ मिल सके।
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