कामरान हाशिम असलम को नहीं मेरठ के सनी को मिला मौका
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। जो रामलीलायें कभी चंदे पर निर्भर होती थीं वो रामलीलायें अब शुरू होने से पहले लाख नहीं बल्कि करोड़ की मालिक हो जाती हैं। अभी तक मंहगी रामलीलाओं में कविनगर की रामलीला का नाम आता था। लेकिन शहर की सबसे पुरानी रामलीला कमेटी ने इस बार रिकॉर्ड बनाया है।
इस कमेटी ने रामलीला मेले का ठेका एक करोड़ में नहीं बल्कि डेढ़ करोड़ से भी अधिक राशि का दिया है। सुल्लामल रामलीला कमेटी ने इस बार ठेका एक करोड़ 62 लाख 11 हजार रूपये का छोड़ा है। बीस लाख रूपये का डीडी भी ठेका लेने वाले ठेकेदार ने जमा करा दिया है। यहां पर ठेका लेने के लिए कामरान, हाशिम, असलम भी थे लेकिन उनकी धनराशि कम थी। मेरठ के सनी ने इस ठेके को डेढ़ करोड़ प्लस की टेंडर डालकर अपने नाम किया।
नहीं होगा झूले का टिकट इस बार सौ रूपये से ज्यादा
सुल्लामल रामलीला कमेटी ने ठेकेदार से एक करोड़ 62 लाख 11 हजार में करार तो कर लिया है लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी झूले का टिकट मूल्य सौ रूपये से ज्यादा नहीं होगा। यानी सुल्लामल रामलीला मैदान में जब रामलीला महोत्सव शुरू होगा तो कोई भी झूले वाला सौ रूपये से ज्यादा का टिकट नहीं करेगा। हालाकि नियम शर्तों में झूलों के पास का जिक्र नहीं किया गया है। बताते हैं कि हाल में हुई नुमाईश में झूलों के पास को लेकर ही चाचा भतीजे में मैदान में ही जुबानी विवाद हुआ था। हर वर्ष झूले के पास को लेकर खास लोग ही हंगामा करते हैं। बहरहाल दूसरी शर्त में ये भी बताया गया है कि झूले के एरिया में हरे रंग की पटटी लगानी होगी।
परमीशन भी ठेकेदार लेगा और जीएसटी भी ठेकेदार देगा
एक करोड़ 62 लाख 11 हजार देकर ठेका लेने वाला ठेकेदार आयोजन से संबंधित सभी अनुमति यानी प्रशासनिक परमीशन खुद लेगा। कमेटी का परमीशन से कोई लेना देना नहीं होगा। वहीं शर्तों में यह भी लिखा गया है कि जीएसटी ठेकेदार देगा। मैदान में सफाई व्यवस्था भी ठेकेदार देखेगाा और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी ठेकेदार की होगी। रामलीला शुरू होने से पहले 15 प्रतिशत भुगतान ले लिया जायेगा और दशहरे से पहले ठेकेदार को सारा भुगतान करना होगा।
सात पदाधिकारियों में मौके पर थे केवल चार
जब एक करोड़ 62 लाख 11 हजार का ठेका छोड़ा गया तब यहां कमेटी के सात प्रमुख पदाधिकारियों में चार ही मौजूद थे। अध्यक्ष वीरो बाबा, उपाध्यक्ष संजीव मित्तल साजू, मंत्री दिनेश शर्मा बब्बे तथा कैशियर अनिल चौधरी मौजूद थे। यहां पर लेखाधिकारी आलोक बंटी, उपाध्यक्ष शिवओम बंसल और महामंत्री मनोज गोयल बंटी ही नहीं थे।
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