कार्बनडाई आक्साईड से भी निगम करेगा कमाई
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। अगर किसी चीज को लेकर विजन ठीक हो तो फिर चीजें कई रीजन से अपने आप ठीक होती हैं और सुपरविजन बढ़िया हो तो फिर सबकुछ बढ़िया होता है। नगरायुक्त आईएएस महेन्द्र सिंह तंवर भी उन विजनरी अधिकारियों में हैं जो अपने विजन के साथ सफलता की नई कहानी लिखते हैं। नगर निगम में एक बार फिर से एक नया इतिहास बनने जा रहा है और नगरायुकत महेन्द्र सिंह तंवर के इस नये विजन से अब नगर निगम कार्बनडाई आॅक्साईड से भी कमाई करेगा और प्रदूषण को भी दूर करेगा। ये प्रोजेक्ट कार्बन क्रेडिट रेवेन्यू मॉडल है। इसका बेस वर्ष 1992 में रियो में हुई अर्थसमिट में तैयार हुआ था और तब क्योटो समझौता भी आया था। इस नये प्रोजेक्ट में कार्बन डाई आॅक्साईड उत्सर्जन भी कम होगा और प्रदूषण की स्थिति में सुधार आयेगा।
मिंयावाकी प्लांटेशन दूर करेगा पर्यावरण की टेंशन
कार्बनडाई आॅक्साईड उत्सर्जन कम करने में मैकेनिज्म लागू होगा जिसे मोनोटाईज किया जा सकता है। यहां मीथेन फैक्टर भी होगा कि कितने टन वेस्ट हटाने में कितने पेड़ लगेंगे। 6 लाख टन के लिए जब इंदिरापुरम में पेड़ लगे हैं तो कार्बन उत्सर्जन कम होगा। यहां मियावाकी प्लांटेशन से पॉल्यूशन की टेंशन कम होगी। दस स्थानों पर ये हो चुका है और बीस स्थानों पर प्रस्तावित है। लगभग दो लाख पौधे लगाये जाने हैं जिनमें डेढ लाख प्लांटस लग चुके हैं और सितम्बर तक यह पूरा हो जायेगा।
पहले डीजल वाहन थे और अब दिखाई देते हैं सीएनजी वाहन
नगरायुक्त के रूप में चार्ज संभालने के बाद आईएएस महेन्द्र सिंह तंवर ने यहां वाहनों से भी पर्यावरण की स्थिति को सुधारा है। पहले निगम में 75 प्रतिशत वाहन डीजल चालित थे और 25 प्रतिशत वाहन सीएनजी चलित दिखाई देते थे। लेकिन अब ये स्थिति बदल गयी है और अब 75 प्रतिशत वाहन सीएनजी के हैं और 25 प्रतिशत वाहन डीजल के हैं। यहां पर अब सीएनजी के साथ इलैक्ट्रिक वाहन भी आ गये हैं। इसके अलावा एलईडी कनवर्ट स्ट्रीट लाईट को भी बदला जा रहा है। 50 हजार लाईटें बदली जा चुकी हैं।
दो फर्मों को लिया गया है फिलहाल पैनल में
कार्बनडाई आक्साईड घटाने और नये प्रयोग में दो फर्म को पैनल पर लिया गया है इसके लिए बाकायदा टेंडर दिया गया था। ये फर्म कंसलटेंट के रूप में काम करेंगी। दोनों के प्रपोजल में जो उपयोगी होगा उसे सीजन 1 में वर्क आॅर्डर दिया जायेगा। हर साल इस पर काम होगा। राजस्व इंटरनेशनल मार्केट में ट्रेंडिंग से होगा। अब से पहले स्मार्ट सिटी इंदौर में ये कलेम 50 लाख का हुआ है अभी अन्य किसी निगम ने नहीं किया है। गाजियाबाद नगर निगम में इस क्षेत्र में कदम रखने जा रहा है। ईटी से लेकर क्लीन डवलप्मेंट मैकेनिज्म सिस्टम काम करेगा। यहां पर विकसित और विकासशील देशों के फार्मुले पर भी काम होगा। इस प्रोजैक्ट में जो लागत आयेगी उसे फर्म वहन करेगी और कमाई का जरिया एक टन वैल्यू पांच से आठ डॉलर के बीच होगी।