Ghaziabad: एक पेट्रोल पंप कर्मचारी को इंदिरापुरम के एक बैंक में कैश जमा कराने के लिए जा रहे हुए, बीते दिनों बाइक सवार बदमाशों ने उससे तमंचे दिखाकर लगभग 10 लाख रुपये की लूट कर ली थी। इस घटना के बाद पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार सिंह मौके पर पहुंचे थे और पहले से ही इस केस में गिरफ्तार हुए तीन लोगों के साथ मुख्य अभियुक्त अभिषेक या लेपर्ड को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
कौन है ये ‘लेपर्ड’ ?
इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में हुई इस लूट की वारदात में अब तक पांच लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जिसमें मुख्य अभियुक्त अभिषेक उर्फ लेपर्ड भी शामिल हैं। पुलिस अधिकारी डीसीपी ट्रांस हिंडन शुभम पटेल ने बताया कि रात्रि में हुई इस घटना का मास्टरमाइंड रहे अभिषेक उर्फ लेपर्ड को भी गिरफ्तार किया गया है और इसके साथ उसके सहारा सागर और उसके भाई सूरज को भी हिरासत में लिया गया है।
कितना माल हुआ बरामद ?
पुलिस के अनुसार, अभिषेक के पास से अब तक 1.70 लाख रुपये की रिकवरी हो चुकी है और उसके साथ इस वारदात में प्रयुक्त बाइक और तमंचा भी बरामद हुआ है। गुजरे समय में लूटी गई रकम में से सात लाख से अधिक की बरामदगी हो चुकी है और यह घटना सात्तीग्री की चरम स्थिति को पहुंच गई है।
डीसीपी ने बताया कि इन अभियुक्तों का लक्ष्य उनके कर्ज को चुकाने के लिए लूट करना था, जिससे यह वारदात हो गई। यह साबित करता है कि इन लोगों के बीच वित्तीय कठिनाईयों का सामना करना था और इसी कारण उन्होंने यह अवैध कृत्य किया।
कौन था साथी?
इस मामले में आरोपी अभिषेक उर्फ लेपर्ड ने प्राधिकृत्यपूर्ण तरीके से बताया कि उनके सहारा सागर, ने पेट्रोल पंप पर काम करने वाले सागर नामक कर्मचारी से मिलकर इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त की थी। इसके पश्चात उन्होंने उससे मिलकर उसके कर्ज के बारे में बातचीत की, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने इस लूट की योजना बनाई। डीसीपी ने इस मामले को गंभीरता से लेकर उसके पीछे छुपे अन्य योजनाएं भी सामने आने का आदान-प्रदान किया है। इन अभियुक्तों ने अपने आत्मसमर्पण की बात की है, लेकिन पुलिस इन आत्मसमर्पणों को विश्वसनीयता से नहीं ले रही है और इन लोगों की गहराईयों में जाकर और खुलासा करने के लिए जुटी है।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अवगत कराया है कि इस तरह की घटनाएं न केवल गंभीर होती हैं बल्कि इससे समाज में भय और असुरक्षा का माहौल भी बनता है। इस प्रकार के अनैतिक और अवैध कृत्यों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि लोग खुलकर अपनी बातें साझा कर सकें और इस तरह के अपराधों को रोका जा सके। इस पूरे मामले ने सोचने पर मजबूर किया है कि समाज के अंधाधुंध स्थितियों में कैसे लोग अपने कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप वे अवैध तरीकों से अपनी समस्याओं का समाधान निकाल रहे हैं। इसमें न्यायप्रणाली के प्रति भरोसा बनाए रखने और सजाग रहने की जरूरत है ताकि समाज में विशेषज्ञता और आत्मनिर्भरता की भावना बनी रहे।