खुशी हो या गम वो लगातार जाते हैं यहां और निभाते हैं सामाजिक सरोकार
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। आमतौर पर ये होता है कि चुनाव हारने के बाद हर दल का उम्मीदवार फिर उस क्षेत्र में सम्पर्क ही नहीं रखता। वो अपनी हारजीत का गणित जोड़ता है और उसे लगता है कि क्षेत्र ने उसे वोट नहीं दिये। लेकिन यहां पूर्व विधायक प्रशांत चौधरी एक अलग ही अंदाज में हैं। वो उस विधानसभा में लोगों के सुख-दुख में शामिल हो रहे हैं जिस विधानसभा से वो चुनाव हार गये थे। पूर्व विधायक प्रशांत चौधरी उस विधानसभा से चुनाव लड़े थे जहां जाते ही उन्हें इस बात का ताना मिला था कि यहां से पहले अवतार सिंह भड़ाना चुनाव लड़े थे और वो जीतने के बाद नहीं आये। लेकिन प्रशांत चौधरी ने सीन ही बदल दिया है और वो ऐसे उम्मीदवार हैं जो चुनाव हारने के बाद भी मीरापुर विधानसभा में लगातार जा रहे हैं। संदेश दे रहे हैं कि वो जीतकर भी नहीं आये और हम हारकर भी आ रहे हैं तो समझ लो कि हम दल के नहीं दिलों के रिश्ते बना रहे हैं। एक संदेश दे रहे हैं कि राजनीति केवल चुनाव का ही नाम नहीं है राजनीति में जनसेवा और जनसरोकार सबसे पहले होते हैं।
ये तस्वीर करा रही है अहसास रिश्ते बन गये हैं यहां खास
प्रशांत चौधरी मीरापुर विधानसभा में एक्टिव हैं। एक फोटो उन्होंने अपने फेसबुक पर साझा किया और ये फोटो अहसास करा रहा है कि मीरापुर में उनके कार्यकर्ताओं से रिश्ते खास हो गये हैं। प्रशांत चौधरी क्षेत्र में गये, यह बड़ी बात नहीं है लेकिन उन्होंने इस फोटो को तब साझा किया जब विधानसभा चुनाव बहुत दूर है। मीरापुर विधानसभा के जड़बड़ गांव में पुष्पेन्द्र की माता जी की बरसी में वो श्रृद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे। तस्वीर में हाथ वाला साथ अहसास करा रहा है कि विधानसभा अब यही रहेगी और रिश्ते खास रहेंगे।
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