सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी से पूछा कि संजय सिंह के खिलाफ पूरे पुख्ते सबूत मौजूद होने के बावजूद, गिरफ्तारी के इस दौरान इतना वक्त क्यों लगा? साथ ही कोर्ट ने पूछा कि जब आप (ED) पैसों के जिस लेनदेन की बात कर रहे हैं, तो मामला तो काफी पुराना है, फिर गिरफ्तारी में इतनी देरी क्यों हुई?
विशेषज्ञ ने कहा कि संजय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी में वक्त लगाने के पीछे का कारण और पुराने मामले में किस तरह की बदलते परिप्रेक्ष्य के कारण कोर्ट द्वारा सवाल किए गए।
कोर्ट में ईडी ने बताया कि इस मामले में बयान अभी ताजा है और डिजिटल एविडेंस भी मिली है, जिसे वे कन्फ्रंट करना चाहते हैं। इन जानकारियों के साथ, ईडी ने संजय सिंह के फोन को जब्त किया है, जिसमें कुछ कॉन्टैक्ट नंबर भी हैं। वे इन नंबरों को कन्फ्रंट करना चाहते हैं।
इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि ईडी ने तो संजय सिंह के फोन को ले लिया है, लेकिन इसमें क्या कन्फ्रंटेशन (आमना-सामना) करने की आवश्यकता है?
ईडी ने यह स्पष्ट किया कि वे तीन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाए हैं, और वे इस प्रक्रिया में कन्फ्रंटेशन की आवश्यकता महसूस करते हैं। उन्होंने अपनी 10 दिन की कस्टडी की मांग को बदलकर 7 दिन की कस्टडी मांगने की स्वीकृति दी है, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दी है।
ED ने कोर्ट को बताया कि दिनेश अरोड़ा ने कहा कि संजय सिंह प्रभावशाली व्यक्ति हैं, इसलिए पहले उनका नाम नहीं लिया गया था। उन्होंने विजय नायर के बयान में धमकी के संकेतों का स्पष्टीकरण किया। इसके अलावा, ईडी ने कहा कि अभी और भी दो ऐसे व्यक्तियों के नाम हैं, जिनका नाम संजय सिंह ने अभी तक नहीं लिया है।
संजय सिंह के वकील ने दिए गए ये दलील कही:
संजय सिंह की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मोहित माथुर ने बताया कि कुछ मामले ऐसे होते हैं, जिनमें जांच कभी पूरी नहीं होती है, और जांच का सिलसिला कभी नहीं रुकता है। उन्होंने इस मामले में दिनेश अरोड़ा को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया, जो ED और CBI दोनों के मामलों में आरोपी थे और फिर सरकारी गवाह बन गए। उनकी विश्वसनीयता कुछ सवालों के चारों ओर घेरी हुई है।
मोहित माथुर ने दी यह दलील कि दिनेश अरोड़ा की क्रेडिबिलिटी पूरी तरह से संदिग्ध है। उन्होंने यह भी दिखाने का प्रयास किया कि जांच एजेंसी जिसको पकड़ना चाहती है, वह दिनेश अरोड़ा के बयान पर ही आधारित होती है। उन्होंने इसके साथ ही बताया कि एक बार भी जांच एजेंसी ने उसे समन नहीं दिया है। दिनेश अरोड़ा का बयान बार-बार बदल रहा है, जो भी संजय सिंह के पक्ष में एक आवाज उठाता है। उन्होंने इसका उल्लंघन किया और दिनेश अरोड़ा के बदलते रुख पर गौर करने की अपील की।
दिनेश अरोड़ा के बदलते रुख पर गौर करें’
एडवोकेट मोहित माथुर ने कहा कि दिनेश अरोड़ा जब चाहें तो बयान देने लगते हैं। उन्होंने कोर्ट से यह अपील की कि वे दिनेश अरोड़ा के बदलते रुख पर गौर करें। माथुर ने एक बयान प्रस्तुत किया, जिसे ईडी को पसंद नहीं आया। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया, पर फिर उन्हें जमानत दी गई और उनके दर्ज किए गए बयान को देखने की अनुमति दी गई। माथुर ने कोर्ट से यह कहा कि वे वो बयान देखें जो 14 अगस्त को दर्ज किया गया था।
कोर्ट में संजय सिंह बोले- मेरे लिए अलग कानून क्यों?
कोर्ट में संजय सिंह ने कहा कि झूठ की कोई इंतेहा नहीं है। उन्होंने अमित अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया, और उनके लिए उन्होंने इतना अनजान था कि उसे मेरा नाम याद नहीं आया, लेकिन अचानक मेरा नाम याद आया। दिनेश अरोड़ा ने कई बार बयान दिया, उसको संजय सिंह का नाम याद नहीं आया। लेकिन अचानक, इन्होंने क्या किया, यह आप खुद समझ सकते हैं। अचानक क्या हुआ कि सबने मेरा नाम लिया?