मंगलवार या बुधवार को आ सकता है वार्ड आरक्षण का नोटिफिकेशन
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। निगम चुनाव को लेकर महानगर में और निकाय चुनाव को लेकर कस्बा क्षेत्र में चुनावी तैयारी है। एक बार सरकार की ओर से वार्ड के आरक्षण का सीन तय हो जाये तो फिर दावेदार पूरी मजबूती के साथ सामने आयें। वार्ड सूची यहां से जा चुकी है और लगभग इसी सूची को फाईनल माना जा रहा है। लेकिन एक उम्मीद है जो दावेदारों को अपनी उम्मीदवारी से जोड़े हुए है।
उन्हें लग रहा है कि जब तक वार्ड का आरक्षण सरकार की ओर से नहीं आ जायेगा तब तक खेल खत्म नहीं माना जायेगा और कुछ तो ये मानकर चल रहे हैं कि असली खेल ही तब शुरू होगा जब सरकार की ओर से वार्ड आरक्षण की सूची जारी हो जायेगी। रोज एक नयी चर्चा वार्ड आरक्षण को लेकर शुरू हो जाती है। महिला वार्ड को लेकर कोई नया रूल बता देता है तो कोई वार्ड को जनरल करा देता है। कहीं वार्ड ओबीसी के पास चला जाता है तो कहीं वार्ड महिला हो जाता है। बहरहाल इन सब अटकलों पर विराम लगने जा रहा है और आरक्षण वाली सूची आने को तैयार है। सूत्र बता रहे हैं कि प्रबल संभावना इस बात की है कि मंगलवार या बुधवार को नगर निगम के वार्ड आरक्षण का नोटिफिकेशन आ सकता है। विषम परिस्थिति नहीं रही तो बुधवार तक वार्ड आरक्षण का नोटिफिकेशन आ जायेगा। दावेदारों को भी इसी घड़ी का इंतजार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गाजियाबाद आ रहे हैं और उनका गाजियाबाद दौरा निकाय चुनावों की पहली दस्तक माना जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आ ही निकाय प्रबुद्ध सम्मेलन में रहे हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के जनपद आगमन के बाद निगम का सीन आॅफ इलेक्शन बनेगा। मुख्यमंत्री यहां उन्हीं विकास कार्यों के शिलान्यास और लोकापर्ण कर रहे हैं जो विकास कार्य नगर निगम और जीडीए द्वारा कराये गये हैं।
ना भत्ता ना पगार तब वार्ड 100 और दावेदार हजार
जनसेवक बनने के लिए देवतुल्यों और समाजसेवियों में जंग छिड़ी हुई है। बोर्ड बता रहे हैं कि कर्मठता और सेवा का सैलाब ही वार्ड में आ गया है। सबसे खास बात ये है कि दावेदारी की सुनामी ही भाजपा में आयी हुई है। लेकिन जनसेवा का जज्बा ऐसा है कि पार्टी फंड से लेकर मौहल्ले वालों की दावत में दावेदार एक मोटी रकम झंड करने को तैयार हैं। लेकिन दावेदारी वापस लेने को तैयार नहीं हैं। 100 वार्ड हैं और दावेदारों की संख्या ही हजार को पार कर रही है। वैसे ये माना जा रहा है कि जब वार्ड आरक्षण की सूची आयेगी तो कई की चुनावी हसरत को एक नयी कसरत का मौका मिलेगा और कई ऐसे भी होंगे जिनके चुनावी ख्वाबों को वार्ड का आरक्षण चकनाचूर कर देगा। मेयर सीट के आरक्षण को लेकर भी दावेदारों की हार्टबीट बढ़ी हुई है। अब दावेदार भी अपने किसी पैरोकार पर भी फुल भरोसा नहीं कर रहे हैं। भागदौड़ पूरी हो चुकी है और अब केवल रिजल्ट का इंतजार हो रहा है। मेयर सीट का आरक्षण सुना है इस बार जनरल पुरूष के नाम हो रहा है।
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