गाजियाबाद (करंट क्राइम)। श्री सुल्लामल रामलीला कमेटी घण्टाघर पर सोमवार को गणेश पूजन व शोभायात्रा के बाद मंगलवार को पहले दिन शिव पार्वती विवाह, नारद मोह व रावण जन्म का मंचन हुआ। नीरा बक्शी के निर्देशन में सबरंग फाउंडेशन, दिल्ली के कलाकरों ने अपनी प्रतिभा से उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। रामलीला मंचन में शंकर पार्वती विवाह लीला के बाद नारदजी को काम और क्रोध जीत लेने का अभिमान हो जाता है। वे यह बात भगवान शंकर को बताते है जिसे भोलेनाथ इसे गुप्त रखने का परामर्श देते है। परंतु नारद जी ब्रह्मा जी को बताते हुए भगवान विष्णु से भी काम क्रोध जीतने की बात कहते हैं इनका अभिमान देख विष्णु भगवान एक माया रुपी नगर की रचना करते हैं उस नगरी में विश्वमोहिनी नमक सुंदर बाला को देख नारद जी मोहित हो जाते हैं और उससे विवाह के लिए भगवान विष्णु से सुंदर रूप मांगते हैं। नारायण शरीर सुंदर लेकिन चेहरा बंदर का दे देते हैं यह देख सभी लोग नारद जी का उपहास करते हैं। जब नारद जी अपने चेहरे को देखते हैं तो क्रोध में नारायण को पृथ्वी पर अवतरित होने का श्राप दे देते हैं। इस के बाद रात्रि में रावण जन्म की लीला का मंचन किया गया। लीला में शिव-अतुल, पार्वती- अंशु, नारद- गिरीश शर्मा, विष्णु-अभिमन्यु, लक्ष्मी-खुशबू ने किरदार निभाया। बुधवार को रावण-वेदवती संवाद से श्री राम व सीता जन्म की लीला का मंचन होगा।
रामलीला मंचन के दौरान अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार वीरो, उस्ताद अशोक गोयल, कार्यवाहक महामंत्री दिनेश शर्मा बब्बे, शिव ओम बंसल, संजीव मित्तल, अनिल चौधरी, आलोक गर्ग, ज्ञान प्रकाश गोयल, सुभाष गुप्ता, सुबोध गुप्ता, राजेन्द्र मित्तल मेंदी वाले, विनय सिंघल, नरेश अग्रवाल, मुनेंद्र आर्य, सुधीर गोयल, सुंदर लाल, राघवेंद्र, पार्षद नीरज गोयल, मोहित मित्तल, देवेंद्र मित्तल, जय वीर शर्मा, मनमोहन मित्तल, प्रदीप गर्ग आदि उपस्थित रहे।