नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2019 ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी। जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और संजय कुमार की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान ‘अच्छे रूप’ में नहीं थे और सार्वजनिक जीवन में एक व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है।
पीठ ने कहा, “ट्रायल जज द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।”
The Supreme Court judgment is a strong vindication of truth and justice.
Despite the relentless efforts of the BJPs machinery, @RahulGandhi has refused to bend, break or bow, choosing instead to place his faith in the judicial process.
Let this be a lesson to the BJP and its…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 4, 2023
सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने शीर्ष अदालत को बताया कि उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने वाले गुजरात के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम मोदी नहीं है और वह मोध वणिका समाज से हैं। पूर्व कांग्रेस प्रमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने पीठ को बताया कि उनका मुवक्किल कोई ‘कट्टर अपराधी’ नहीं है और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा उसके खिलाफ कई मामले दायर किए जाने के बावजूद किसी भी मामले में कोई सजा नहीं हुई है।
ज्ञात हो की अप्रैल 2019 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान की गई टिप्पणी का मामला था। सूरत कोर्ट से दो साल की कैद की सजा मिलने के बाद राहुल की इस साल 24 मार्च को सांसदी रद्द कर दी गई थी।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी के मानहानि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि वे कानूनी प्रक्रिया में ‘विश्वास’ करते हैं।
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