ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लाइट से शहर को चमकाने का जिम्मा सूर्य कंपनी को दिया है, लेकिन सूर्य कंपनी ने शहर को अनवांछित हालात में डाल दिया है। ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों में बिजली के पोल खुले हुए हैं, जिसकी शिकायत कई बार ग्रेटर नोएडा के सेक्टरों में रहने वाले निवासियों ने सीनियर मैनेजर गुरविंदर सिंह और मैनेजर केशव से कई बार की है, लेकिन कोई निस्तारण नहीं हुआ।
सेक्टरों की सुंदरता का बिगड़ रहा है
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने स्ट्रीट लाइट के ठेके को एक बड़ी सौर ऊर्जा कंपनी को सौंप दिया है। किसानों ने ग्रेटर नोएडा शहर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और इसके परिणामस्वरूप शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाया गया है। हालांकि, सूर्य कंपनी के स्ट्रीट लाइट के टेंडर के बाद, भूमिगत तारों को बजाये बिना खुले तार पोलों से बाधित किया जा रहा है, जिसके कारण सेक्टरों की सुंदरता को क्षति पहुंच रही है।
सूर्य कंपनी की प्रबंधन में समस्या है
निवासियों का कहना है कि सूर्य कंपनी के पास प्रॉपर इलेक्ट्रीशियन और मजदूरों की सबसे सही व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण वे लाइटों को चालाने के लिए जुगाड़ कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि उनके पास किसी परमानेंट समाधान की कमी है, और सूर्य कंपनी इस समस्या को हल करने के लिए केवल जुगाड़ पर ही निर्भर है। लोगों ने बताया कि सीनियर मैनेजर गुरविंदर सिंह और सूर्य कंपनी के मैनेजर केशव को इन शिकायतों के बारे में बार-बार सूचित किया जाता है, लेकिन समय पर किसी कार्रवाई की जगह नहीं होती है।
ऐसी कंपनी के खिलाफ कठिन कदम उठाने की आवश्यकता है
सुनील प्रधान, जो सेक्टर-36 में निवास करते हैं, ने इस बारे में बताया कि यदि सूर्य कंपनी द्वारा स्ट्रीट लाइट की सेवा में कोई दोष है और उससे किसी को भी हानि हो रही है, तो कार्रवाई की आवश्यकता है। सूर्य कंपनी के इलेक्ट्रीशियन द्वारा स्ट्रीट लाइट के पोल से अर्थ बनाने का यह प्रयास बहुत ही खतरनाक हो सकता है, क्योंकि स्ट्रीट लाइट के पोल के पैनल बॉक्स खुले हुए हैं, जो किसी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। सेक्टर-37 के निवासी जितेंद्र डेढ़ा ने बताया कि उनकी स्ट्रीट लाइट पिछले कई दिनों से खराब है, और बार-बार इस पर शिकायत की जाती है, लेकिन समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं हो रहा है। इस तरह की कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि लोगों की सुरक्षा और सुविधा की सुनिश्चिती की जा सके।