मार्च से जनपद गाजियाबाद में नहीं किया गया है संगठन का गठन
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। विधानसभा चुनाव 2022 के उपरान्त अब राजनैतिक दल वर्ष-2022 के अंत में होने वाले निकाय चुनाव और इसके बाद मिशन 2024 की तैयारियों में धीरे धीरे जुटने शुरू हो गये हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने तो अपनी तैयारियों को शुरू कर दिया है और बाकी भी अब धीरे धीरे अपनी तैयारियों की रूपरेखा तैयार करने में जुटे हुए हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में आठ सीटें जीतने वाली राष्टÑीय लोकदल जनपद गाजियाबाद में भंग चल रहे संगठन को विस्तार देना भूल बैठा है।
पांच माह से अधिक का समय बीत चुका है और जनपद गाजियाबाद में संगठन का कोई विस्तार नहीं किया गया है। संगठन यहां पर भंग चल रहा है और भंग संगठन के सहारे ही जनपद में पार्टी की नीतियों को आगे बढ़ाया जा रहा है। जनपद गाजियाबाद में संगठन का गठन नहीं होने के चलते अब रालोद के स्थानीय नेताओं के सब्र का बांध टूटता जा रहा है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने प्रदेश के संगठन के साथ जनपद गाजियाबाद के जिला व महानगर संगठन को भंग कर दिया था। जिलाध्यक्ष चौधरी तेजपाल सिंह, महानगर अध्यक्ष अरूण चौधरी भूल्लन के संगठन को भंग किया गया और अभी तक नये संगठन का दायित्व किसी को नहीं सौंपा गया है। पिछले दिनों ही रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने प्रदेशाध्यक्ष मनोनीत किया और उसके बाद संभावना जताई गई है कि अब जनपद गाजियाबाद के संगठन विस्तार को तरजीह दी जायेगी लेकिन यहां पर संगठन विस्तार नहीं किया गया। अब पार्टी नेताओं का कहना है कि पार्टी को जल्द संगठन विस्तार की तरफ गंभीरता से सोचना चाहिए ताकि जनपद गाजियाबाद में पार्टी के कार्यक्रमों को ओर मजबूती के साथ आगे बढ़ाया जा सके। पांच माह से अधिक का समय गुजर चुका है और अब रालोद नेताओं के सब्र का बांध टूट रहा है और पार्टी में तरह तरह की चर्चाएं हैं कि यदि समय रहते संगठन का गठन नहीं किया गया तो आने वाले निकाय चुनाव पर इसका बुरा असर पड़ेगा।