कार्यकाल पूरा होने पर व्यवहार और सदन की
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। एमएलसी के रूप मे सुरेश कश्यप का कार्यकाल पूरा हो गया। सुरेश कश्यप ने विधान परिषद सदस्य यानी एमएलसी के रूप में अपने कार्यकाल में जहां जनता के बीच अपनी एक अलग छवि बनाई तो उन्होंने अपने व्यवहार से सदन के भीतर भी एक गौरवमयी स्थान हांसिल किया। सुरेश कश्यप जब एलएलसी के रूप जब अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं तो विधान परिषद के सभापति कुंवर मानविन्दर सिंह ने उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। विधान परिषद सदस्य के रूप में सुरेश कश्यप के ज्ञान व अनुभव के आलोक से प्रकाशित विधान परिषद के प्रांगण में उन्हें राजनीतिक दृष्टि, संसदीय कुशलता और अनुभव से युक्त ओजस्वी भाषण के लिए याद किया जाएगा। सुरेश कश्यप हमेशा से व्यवहार कुशल रहे हैं और सदन में भी उन्होंने गौरवमयी परम्पराओं व मान्यताओं के आधार पर जनआकांक्षाओं को मुखर करने में भी अपनी भूमिका निभाई। सदन में हमेशा रचनात्मक सहयोग दिया और ये सुरेश कश्यप का व्यवहार है कि विधान परिषद सदन उनका शत शत अभिनंदन करते हुए उनके दीर्घजीवी हाने की कामना करता है। दैनिक करंट क्राइम से बातचीत में भी सुरेश कश्यप ने कहा कि विधान परिषद सदस्य के रूप में उन्हें एक अच्छा अनुभव प्राप्त हुआ है। उन्हें सदन में काफी कुछ सीखने को मिला और संतुष्टी इस बात की है कि जनप्रतिनिधि के रूप में मैं समाज के कमजोर, पिछड़े वर्ग के काम आ सका हूं। विकास के कार्य कराये हैं। वंचित वर्ग की आवाज बना हूं और उन्होंने कहा कि सरकार जो भी जिम्मेदारी देगी उसे पूरा करूंगा। राजनीति में जनसेवा के लिए आया हूं और हमेशा जनसेवा करूंगा। समाज के पिछड़े वर्ग के लिए, कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए हमेशा प्रयासरत रहूंगा। भाजपा की जनकल्याणकारी नीतियों का समाज के हर वर्ग में प्रचार प्रसार करूंगा। राजनीति मेरे लिए हमेशा से सेवा का माध्यम रहा है और सरकार जो भी उत्तरदायित्व देगी उसका पालन करूंगा।
सुरेश कश्यप जैसे सौम्य चेहरे का भाजपा कहां करेगी उपयोग
(करंट क्राइम)। सुरेश कश्यप राजनीति के शालीन चेहरों में गिने जाते हैं। पिछड़ा वर्ग की राजनीति के बड़े चेहरे हैं और एमएलसी बनने के बाद उन्होंने कश्यप समाज के वंचित वर्ग के लिए काफी काम किये हैं। महर्षि कश्यप की प्रतिमायें स्थापित कराई और खुद उन्होंने ऐसे काम किये कि वो समाज में एक प्रतिभा के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए। भाजपा में वो तब आये थे जब वो एमएलसी थे और उनके आने से ओबीसी फैक्टर तथा कश्यप समाज की मजबूती भाजपा को मिली। कई लोगों को उन्होंने भाजपा से जोड़ा। भाजपा ने भी उनको सम्मान दिया और माईक,माला, मंच उपलब्ध कराया। अब सवाल ये है कि सुरेश कश्यप जैसे शालीन ओबीसी चेहरे को भाजपा किसी मंच पर मौका देगी। भाजपा क्या उन्हें फिर से एमएलसी बनायेगी या फिर सरकार में कुछ जिम्मेदारी देगी। कश्यप समाज के अलावा वो अन्य पिछड़ी जातियों में मजबूत पकड़ रखते हैं। बड़ी बात ये है कि इस चेहरे ने अपने कार्यकाल में कई विकास कार्य कराये हैं।
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