पूर्व में चुनाव लड़े प्रत्याशी भी इस बार चुनाव की चर्चाओं से भी बनाये हैं दूरियां
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। उत्तर प्रदेश में आगामी दिसंबर माह के अंत तक नगर निकाय के चुनाव सम्पन्न कराये जायेंगे। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं और जनपद गाजियाबाद से मेयर पद के लिए अनेकों चेहरें सामने आने लगे हैं। भाजपा में इन दिनों मेयर पद के लिए अनेकों चेहरे मैदान में दिखाई पड़ रहे हैं वहीं समूचे विपक्ष में अभी तक कोई मजबूत चेहरे की दावेदारी दिखाई नहीं पड़ रही है।
वर्ष-2017 में जहां विपक्ष की ओर से मेयर चुनाव लड़े प्रत्याशी भी इस बार मेयर चुनाव से खुद को दूर दूर किए हुए हैं। आलम यह हो चला है कि विपक्षी खेमे से किसी मजबूत चेहरें की कमियां साफतौर पर देखने को मिल रही है।
बता दें कि वर्ष-2017 में मेयर चुनाव में भाजपा की ओर से आशा शर्मा प्रत्याशी रही और कांग्रेस की ओर से डॉली शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया था। समाजवादी पार्टी की तरफ से सपा के वरिष्ठ नेता अभिषेक गर्ग की धर्मपत्नी राशि गर्ग चुनाव मैदान में रही वहीं बसपा की तरफ से सतपाल चौधरी की धर्मपत्नी मुन्नी चौधरी चुनाव लड़ी थी। वहीं आम आदमी पार्टी की तरफ से डाक्टर प्रगति त्यागी व रालोद की तरफ से कुसुम राघव मैदान में थी। इन सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवारों के साथ कुल 12 प्रत्याशी मैदान में थे। अब एक बार फिर से निकाय चुनाव का विगुल बज गया है और मेयर व पार्षद सीटों पर आरक्षण तय होने के बाद प्रत्याशी खुलकर मैदान में आ जायेंगे लेकिन वर्तमान परिस्थितियों का आंकलन करें तो अभी तक मेयर टिकट को लेकर भाजपा में अनेकों चेहरें सामने आ चुके हैं लेकिन अभी तक समूचे विपक्ष की तरफ से कोई चेहरा ऐसा सामने नहीं आ रहा है जिसे मजबूत माना जा सके। कहने के लिए तो विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि अभी इंतजार करिये लेकिन विपक्ष के वर्तमान परिवेष को देखा जाये तो विपक्ष के पास ऐसा कोई चेहरा अभी तक नजर नहीं आ रहा है जो भाजपा को मेयर चुनाव में पटखनी देने में कामयाब साबित हो। फिलहाल जनपद गाजियाबाद में निकाय चुनाव संबंधी सरगमियां बढ़ती जा रही हैं और भाजपा के टिकट को लेकर खासी जदोजहद देखने को मिल रही है।
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