नंदग्राम की रामलीला में हो सकती है भगवा महाभारत
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। रामलीला का मंच होता तो राम के लिए है लेकिन इस मंच पर रामवालों के लिए भी स्थान होता है। रामलीला के जरिये सियासत के पैगाम होते हैं। चुनावी दौर चल रहा है और पार्षद दावेदारी हो चुकी है। रामलीला की तैयारी चल रही है। भगवा कार्यालय पर शुक्रवार को जो कुछ भी घटनाक्रम हुआ उसने इस बात का आगाज कर दिया है कि आने वाले समय में नंदग्राम वाली रामलीला में महाभारत हो सकती है। यहां रामलीला कमेटी की हां और मौजूदा पार्षद पति तथा पूर्व पार्षद की ‘ना’ इसकी वजह बनेगी। दरअसल साहिबाबाद विधानसभा की नंदग्राम कालोनी के सी ब्लॉक में लवकुश रामलीला समिति है। ये समिति लगभग 20 वर्षों से यहां रामलीला का आयोजन कराती आ रही है। विवाद तब शुरू हुआ जब रामलीला कमेटी को निगम ने पहले अनुमति दे दी और बाद में ये अनुमति कैंसिल हो गयी। भाजपा के ही पार्षद पति वीरेन्द्र त्यागी नहीं चाहते कि रामलीला मैदान में रामलीला हो और रामलीला कमेटी के अध्यक्ष इस बात पर अडिग हैं कि जिस मैदान में 20 साल से रामलीला हो रही है, उस मैदान में क्यों रामलीला नहीं करने दी जा रही है।
20 लाख के पौधों को लेकर पकड़ सकता है मामला तूल
बताया जाता है कि पूरा मामला मैदान में 20 लाख के पौधों से जुड़ा है। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष मदन शर्मा मंगलवार को अपनी शिकायत लेकर भाजपा महानगर अध्यक्ष के पास पहुंचे। उन्हें बताया कि 20 साल से रामलीला इसी मैदान में हो रही है और अब पूर्व पार्षद वीरेन्द्र त्यागी की वजह से रामलीला नहीं हो पा रही है। यहां पर संजीव शर्मा ने जब वीरेन्द्र त्यागी को फोन मिलाया तो उन्होंने बताया कि पार्क में अभी पौधे लगवाये गये हैं। जिन पर 20 लाख रूपये का खर्चा आया है। इन्हें मैंने समझाया है कि बराबर में दूसरा पार्क वहां पर रामलीला कर लो। इस पर संजीव शर्मा ने भी रामलीला कमेटी के अध्यक्ष मदन शर्मा को कहा कि आप दूसरी जगह रामलीला कर लो और इस पर मदन शर्मा राजी नहीं हुए। उन्होंने कहा कि रामलीला का पुराना स्टेज यहीं बना हुआ है और पौधे तो रामलीला के बाद भी लग सकते थे।
क्या रामलीला विवाद का कनेक्शन है वार्ड का इलेक्शन
राम की लीला को लेकर फूल वाले आपस में पौधों को लेकर उलझ गये हैं। निगम ने एनजीटी का हवाला देकर हाथ खड़े कर लिये हैं तो पार्षद पति दूसरे पार्क में रामलीला की सलाह दे रहे हैं। ये मामला जब भाजपा कार्यालय पर आया तो यहां करंट क्राइम भी मौजूद था। करंट क्राइम ने राम की लीला में पौधों और फूल के बीच तूल पकड़ते इस मामले में जब चुनावी कनेक्शन टटोला तो दावेदार खुद बोला। दरअसल रामलीला कमेटी के अध्यक्ष मदन शर्मा से जब करंट क्राइम ने पूछा कि क्या आप चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं तो मदन शर्मा ने कहा कि मैं टिकट का दावेदार हूं और इस वार्ड से टिकट मांग रहा हूं।
क्या मामला पहुंचेगा साहिबाबाद विधायक के पास
नंदग्राम के पार्षद पति तथा पूर्व पार्षद वीरेन्द्र त्यागी साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा के करीबी लोगों में गिने जाते हैं। ये रामलीला जिस वार्ड में होनी है वो वार्ड साहिबाबाद विधानसभा में आता है। मामला साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा के पास पहुंचेगा क्योंकि महानगर अध्यक्ष ने वीरेन्द्र त्यागी से भी बात की और उन्होंने रामलीला कमेटी के सभी पदाधिकारियों को विधायक सुनील शर्मा से मिलने की भी सलाह दी।
दो सितम्बर को प्रशासन ने कहा हां और पांच सितम्बर को निगम ने कर दी ना
यहां रामलीला को लेकर सबसे बड़ा पंच ये है कि दोनों तरफ राम वाले हैं। जो राम को लाये हैं वो रामलीला उसी पार्क में कराने की जिद पर अड़े हैं और जो राम को लाये हैं वो पार्क में रामलीला नहीं होने देने की बात कह रहे हैं। जिला प्रशासन ने लवकुश रामलीला समिति को दो सितम्बर को अनुमति दे दी। लेकिन पांच सितम्बर को नगर निगम से मदन शर्मा के पास पत्र आ गया और बता दिया कि महापौर की संस्तुति के बाद आदेश के अनुपालन में आपसे 3100 रूपये नगद और 558 रूपये जीएसटी मिलाकर 3658 रूपये निगम कोष में जमा कराये गये और 26 अगस्त को रसीद दी गयी। लेकिन पांच सितम्बर को रामलीला कमेटी के अध्यक्ष मदन शर्मा को बता दिया गया कि क्षेत्रीय हेड माली ने पार्क का स्थलीय निरीक्षण किया है और निरीक्षण के दौरान पार्क विकसित पाया गया है। विकसित पार्कों में एनजीटी के आदेशों के अनुपालन में किसी भी प्रकार का आयोजन किया जाना वर्जित है। इसलिए रसीद कैंसिल की जाती है।
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