सड़क पर चल रही है पार्किंग और कमिश्नरेट के सामने लगता है जाम
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। गाजियाबाद में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद सीपी अजय मिश्रा द्वारा जिले में यातायात और अतिक्रमण व्यवस्था को फोकस में रखकर काम करने के निर्देश दिए गए थे। उनके निर्देश पर सिविल पुलिस से बड़ी संख्या में यातायात पुलिस में पुलिसकर्मियों को लगाया गया। तो वहीं पुलिसकर्मियों को यातायात सुधारने और जाम की समस्या को दूर करने के लिए यातायात पुलिसकर्मियों को कैप्सूल कोर्स भी कराया गया। पूर्व आईपीएस अधिकारियों की भी सेमिनार के जरिए मदद ली गई लेकिन अगर सड़क से लेकर पुलिस मुख्यालय तक के यातायात और अतिक्रमण की व्यवस्था की बात की जाए तो तस्वीर इससे अलग ही नजर आ रही है। दैनिक करंट क्राइम की टीम ने सोमवार को गाजियाबाद पुराने बस अड्डे का निरीक्षण किया, जहां अभी भी एक अस्पताल के बाहर सड़क पर पार्किंग की जा रही है। बेतरतीब ढंग से खड़े वाहन ना सिर्फ जाम की वजह बनते हैं बल्कि लोगों के लिए परेशानी भी पैदा कर रहे हैं। वहीं पुलिस मुख्यालय के बाहर भी वाहनों को खड़ा किया जा रहा है, जहां यातायात पुलिस और थाना पुलिस ध्यान नहीं दे पा रही है। इसके साथ ही सीपी आॅफिस से चंद कदमों की दूरी पर सड़क के दोनों ओर वाहनों की पार्किंग बदस्तूर जारी है। कुल मिलाकर अगर शहर के 8 प्रमुख पॉइंट से जाम दूर किया जाता है तो अन्य इलाकों और स्थानों पर भी परिवर्तन दिखाई देना चाहिए। कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद गाजियाबाद में जाम व अतिक्रमण की समस्या को दूर करने और अतिक्रमण के खात्मे को लेकर अभी तक पुलिस अधिकारियों को सबसे ज्यादा फोकस दिखाई दे रहा है पर हकीकत में तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं।
सड़क पर चल रही है वाहनों की पार्किंग
(करंट क्राइम)। पुराना बस अड्डा गाजियाबाद में शुरू से ही जाम का मुख्य केंद्र रहा है। बीते दिनों यहां के जाम और अतिक्रमण को खत्म करने का प्लान बना तो सिहानी गेट पुलिस ने तीन दिनों तक अभियान चलाकर अवैध दुकानें और खोखे हटवाए और पीछे करवा दिए। इसके दूसरी तरह अभी भी सड़क पर बदस्तूर वाहनों की पार्किंग का सिलसिला जारी है। एक अस्पताल के बाहर वाहनों की पार्किंग चल रही है जो सड़क पर वाहन लग रहे हैं। जब तक सड़क पर वाहन खड़े होंगे तो अतिक्रमण होगा और इसी की वजह से जाम लगता है। इस रूट पर पुराने बस अड्डे से चौधरी मोड़ और मालीवाड़ा की ओर जाने वाले वाहनों का संचालन होता है। अस्पताल के बाहर सड़क पर पार्किंग होने से ना सिर्फ जाम लग रहा है बल्कि अतिक्रमण भी बढ़ रहा है। इसे दुरुस्त कराया जाएगा तो लेफ्ट फ्री वाहनों को आने जाने में आसानी होगी और जाम से भी दो-चार नहीं होना पड़ेगा। वैसे भी स्कूल की छुट्टी और भीड़भाड़ वाले समय पर यह परेशानी और भी बढ़ जाती है।
पुलिस आॅफिस के बाहर खड़े हो रहे हैं वाहन
(करंट क्राइम)। गाजियाबाद कमिश्नर सिस्टम होने के बाद भी पुलिस आॅफिस के बाहर वाहनों के अवैध रूप से खड़ा होने का सिलसिला नहीं थम रहा है। सड़क पर वाहन को खड़ा करने के लिए रोक लगाने के लिए यहां यातायात पुलिस के कर्मी भी तैनात रहते हैं लेकिन यहां आने वाले अधिकांश पुलिसकर्मी और रसूख वाले लोग पार्किंग में वाहनों को नहीं खड़ा करते हैं। हालांकि अंदर दुपहिया वाहनों की पार्किंग है लेकिन पुलिसकर्मी अपनी मनमर्जी से वाहनों को रोकना शुरू कर देते हैं, जिसकी वजह से लोग मजबूरी में सड़क के बाहर वाहनों को खड़ा करते हैं और यही जाम का कारण बनता है। यहां नो पार्किंग के बोर्ड लगे होने के बावजूद भी खुद पार्किंग वाले वाहन लगवाते हैं और यह किसके संरक्षण पर हो रहा है इस पर कोई बोलने को राजी नहीं होता है।
कब बंद होगी आॅन रोड पार्किंग
(करंट क्राइम)। पुलिस मुख्यालय और सीपी आॅफिस के सामने हापुड़ रोड कलेक्ट्रेट से लेकर पुलिस आॅफिस और अंदर कोर्ट में जाने वाले लोग अपने वाहनों को हापुड़ रोड के दोनों ओर खड़ा कर देते हैं। सड़क के किनारे आॅन रोड पार्किंग होती है, हालांकि यहां कोई सुविधा शुल्क नहीं वसूला जाता है लेकिन नियमों को ताक पर रखकर यहां वाहन खड़ा करने वाले इस गलत ढंग से वाहनों को लगाते हैं कि एक वाहन के फंसते ही यहां लंबा जाम लग जाता है। जाम लगने के बाद लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में ना सिर्फ परेशानी आती है बल्कि उनका समय भी खराब होता है। ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई की जानी चाहिए जो मुख्य मार्ग से सटी सड़क पर वाहन पार्क करते हैं लेकिन ऐसा नहीं होता है। यहां पर तो कोई सीसीटीवी भी नहीं लगा है और ना ही कोई पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है कि यहां वाहन लगाने वालों को रोका जाए उन पर कार्रवाई की जाए।
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