मेयर ने मारा छापा, खुल गई पोल, निशाने
पर आ गया जिम्मेदार अधिकारियों का रोल
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। नर्सरी नाम सुनते ही आप पेड़-पौधों को बेचने के स्थान के बारे में सोचने लगेंगे। लेकिन गाजियाबाद की नर्सरियों में पेड़-पौधों की जगह मछलियां पाली जा रही है। यही नहीं इन नर्सरियों में पेड़-पौधों से संबंधित काम छोड़कर सभी काम होते है। फिर चाहे फेब्रिकेट का कार्य हो या फिर रोड़ी बदरपुर बेचने का। नगर निगम से सस्ती दरों पर नर्सरी के नाम पर जमीन अलॉट कर यहां व्यवसायिक गतिविधियां जमकर हो रही थी। नर्सरी संचालकों के हौसले इतने बुलंद थे कि कई नर्सरियों में तो बकायदा पक्का निर्माण तक करा लिया गया। शनिवार को मेयर सुनीता दयाल ने जब इन नर्सरियों पर छापा मारा तो वहां संचालित गतिविधियों को देखकर उनका पारा हाई हो गया। मेयर सुनीता दयाल ने वीर नर्सरी, संत बाबा नर्सरी, स्टार नर्सरी, वाटिका प्लानर नर्सरी, वरुण एग्रो, बनारसी नर्सरी का निरीक्षण किया। जिनमें नर्सरी के नाम अलग ही कहानी चल रही थी। पेड़-पौधों के स्थान पर यहां फेब्रिकेट का कार्य, मछली काट कर बेचना, रोड़ी बदरपुर बेचना, बड़े बड़े पक्के निर्माण कर कमरे बनाना, मूर्ति बनाना, जरूरत से ज्यादा स्थान पर गमले रखना जैसे आदि कार्य किये जा रहे थे। जिससे नाराज होकर मेयर ने मौके पर ही उद्यान अधिकारी डॉ. अनुज को उपरोक्त नर्सरियों के निरस्तीकरण की कार्यवाही के निर्देश दिए। मेयर ने निरीक्षण के दौरान यह भी देखा कि नर्सरियों को जमीन का कम आवंटन है, लेकिन नर्सरी संचालकों ने आवंटन से अधिक नर्सरी भूमि पर गमले व पौधे रखे हुए है जिनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।
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