Ghaziabad: नगर निगम में रोजगार प्राप्त करने और प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अंतर्गत फ्लैट और ज़मीन प्राप्त करने का नाम रखकर लोगों को धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाने वाले एक गिरोह के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह की मुख्य आत्मा एक महिला आरोपी है। इस समय तक गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों ने लगभग 35 लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना लिया है।
मामले का विश्लेषण
गिरफ्तारी के बाद सामने आया कि ये आरोपी कोरोना महामारी के समय ज्यादातर लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाने में लिपटे रहे थे। जांच में पता चला है कि इन आरोपियों ने करीब 35 लोगों से 1.30 करोड़ रुपए की धन रकम जमा कराई थी। एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह ने बताया कि 30 अक्टूबर को मोहम्मद अकबर ने नंदग्राम थाने में इस धन जमा करने और ठगी के बारे में शिकायत की थी।
आरोप के मुताबिक, इन आरोपियों ने मोहम्मद अकबर के अलावा लगभग 35 लोगों को नगर निगम में नौकरी प्राप्त करवाने का बहाना बनाकर भारी मात्रा में धन ठग लिया था। इसके अलावा, आरोपियों ने एक सावासी योजना में फ्लैट और प्लॉट प्राप्त करवाने का नाम रखकर भी लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया है।
मदरसन कंपनी कर्मचारियों को भी ठगा
एसीपी ने खुलासा किया कि इन आरोपियों ने मदरसन कंपनी के कर्मचारियों से भी ठगी की है। इस गिरोह के गिरफ्तारी के बाद, सामने आया कि आरोपी पवन उपाध्याय, उसकी पत्नी और चंदन नंदन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये तीनों आरोपी नंदग्राम क्षेत्र में ही रहते हैं। इन आरोपियों ने वर्ष 2021-22 में लोगों को ठगी का शिकार बनाने का आरोप लगाया जा रहा है।
पुलिस प्रशासन ने पता किया है कि आरोपी चंदन ने एक समय पहले नोएडा की एक कंपनी में काम किया था, जहां उसने आरोपी पवन और उसकी पत्नी से मिलकर यह ठाना था कि वे इस धन ठगी की शरण में रहने वाले हो सकते हैं। उन्होंने इस दौरान मदरसन कंपनी के कर्मचारियों को भी ठगा।