गाजियाबाद (करंट क्राइम)। एक कहावत है कि सुबह का भूला यदि शाम को घर वापस आ जाये तो उसे भूला नहीं कहते। लेकिन नई कहावत भाजपा में हुई और भाजपा वाले ही समझ नहीं पा रहे कि इसे क्या कहा जाये। रात में 6 भाजपाई 6 वर्ष के लिए घर से बाहर हुए, उन्हें निष्कासित किया गया। उन्हें पार्टी विरोधी बताया गया और फिर ऐसा क्या हुआ कि 6 घंटे भी नहीं बीते और 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित हुए 6 भाजपाई सुबह ही फिर से भाजपा में वापस हो गये। क्यों तो निकाले थे और क्यों वापस ले लिये। कोई भी बताने को तैयार नहीं है। किस्सा पूरी भाजपा में गूंज रहा है। बताते हैं कि एक निष्कासन पत्र सोशल मीडिया पर आया और उसमें बताया गया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 6 व्यक्तियों आदिल दीवान उर्फ राजा, रियाज राणा, अबरार मंसूरी, अकरम यामीन और नौशाद नाहल वाले को भाजपा जिला अध्यक्ष सतपाल प्रधान के आदेशानुसार 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है। बताया जाता है कि निष्कासन की सूचना जब क्षेत्र के भाजपाईयों के पास पहुंची तो मण्डल में तूफान आ गया। जलालाबाद मण्डल अध्यक्ष संदीप प्रधान ने आवश्यक सूचना दी और बताया कि एक अनाधिकृत सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। जिन लोगों को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निकाला गया है वो सभी पदाधिकारी हैं। 6 वर्ष के लिए निष्कासित आदिल दीवान उर्फ राजा जलालाबाद भाजपा मण्डल के उपाध्यक्ष हैं। मामले की जब जांच शुरू हुई तो जलालाबाद मण्डल अध्यक्ष संदीप प्रधान और मण्डल प्रभारी सुनील शर्मा ने लिखा कि उन्हें जिला, क्षेत्र या प्रदेश संगठन के द्वारा कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है इसलिए किसी भी पदाधिकारी, कार्यकर्ता का कोई निष्कासन नहीं किया गया है। ये 6 कार्यकर्ता पार्टी की रीति, नीति से प्रभावित होकर निष्ठा के साथ कार्य कर रहे हैं। कमल वालो के दल मेें कमाल ये हुआ कि जो 6 कार्यकर्ता रात को पार्टी विरोधी थे वो सुबह होते-होते पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हो गये। बड़े पदाधिकारियों को पता भी नहीं चला और 6 कार्यकर्ता पार्टी से बाहर भी हो गये और पार्टी के अंदर भी हो गये। पुराने भाजपाई बता रहे हैं कि ऐसा निष्कासन तो आज तक हमने भाजपा में नहीं देखा। कम से कम एक रात तो पूरी बीत जाने देते, लेकिन यहां तो 6 वर्ष का निष्कासन 6 घंटे भी नहीं चला। हालांकि बताने वाले तो ये बता रहे हैं कि कोई निष्कासन हुआ ही नहीं था। किस्सा भाजपा में गंूूज रहा है।
हिदायत के बाद कर दिया निष्कासन वापस :
सतपाल प्रधान
(करंट क्राइम)। मामले की पूरी सच्चाई जानने के लिए करंट क्राइम ने भाजपा जिलाध्यक्ष सतपाल प्रधान से बात की। क्योंकि मंडल अध्यक्ष ये कह रहे थे कि जो पत्र सोशल मीडिया पर प्रकाशन का चला है वो सूचना अनाधिकृत है। जब करंट क्राइम ने इस मामले को लेकर जिला अध्यक्ष सतपाल प्रधान से बात की तो उन्होंने कहा कि निष्कासन की बात सत्य है और हिदायत देने के बाद 6कार्यकर्ताओं का निष्कासन रद्द कर दिया गया है। वे सभी पार्टी में वापस आ गये हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों की सूचना मिली थी और फिलहाल हिदायत के बाद निष्कासन रद्द हो गया है।
वास्तव में थी भूल या दो बड़े चेहरों ने दे दिया था तूल
(करंट क्राइम)। निगम चुनाव में भी बगावत करने वालो को पहले मनाने के लिए भाजपा के जनप्रतिनिधि और संगठन पदाधिकारी उनके घर तक गये थे। इसके बाद जिन्होंने बगावत कर चुनाव लड़ा उन्हें निष्कासित किया गया। लेकिन जलालाबाद मंडल में तो 6 भाजपाईयों को बिना अपील दलील के ही बाहर कर दिया गया। रात भर में निष्कासन वापस भी हो गया। सूत्र बताते हैं कि मामला भले ही मंडल कार्यकर्ताओं का था लेकिन इसके पीछे ईगो का दंगल भाजपा के दो बड़े चेहरों का था। सूत्र बताते हैं कि एक बड़े चेहरे के साथ रहने वाले किसी खास की नाराजगी इन कार्यकर्ताओं से हो गई थी। इसके बाद बड़े चेहरे ने तत्काल ही 6 कार्यकर्ताओं को निष्कासित करने का फरमान दे दिया। संगठन वाले भी हैरान थे और इसी बीच संगठन के ही एक बड़े पदाधिकारी के संज्ञान में ये मामला आ गया। बताते हैं कि फिर वो भी कार्यकर्ताओं के सम्मान में मैदान में आ गये। कोई जुबान खोलने को तैयार नहीं लेकिन बताते हैं कि फिर बड़े पदाधिकारी के दखल के बाद निष्कासन रद्द करना पड़ा। संगठन और कार्यकर्ताओं की फजीहत केवल दो बड़े चेहरों की ईगो वार में हो गई।