पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम में एक खास कार्यालय से एक थ्री और टू-स्टार के लाइन भेजे जाने की चर्चा इन दिनों कमिश्नरेट सिस्टम में जमकर हो रही है। पुलिस के खुफिया सूत्र जानकारी दे रहे हैं कि कई दिन पहले कार्यालय में मामला टाइट हुआ और शाम को दो पुलिसकर्मियों के आर्डर टाइप हो गए। खास आॅफिस से सीधे उनको लाइन भेजा गया है। इसमें एक वह थ्री- स्टार हैं जो पिछले लगभग सवा साल से खास कार्यालय और अधिकारी के साथ रात्रि कालीन ड्यूटी दे रहे थे। तो वहीं दूसरे टू-स्टार ऐसे हैं जिनको देहात वाली चौकी से पहले कार्यालय बुलाया गया और फिर कुछ दिन बाद लाइन भेज दिया गया। अब अंदर का मामला क्या है, यह अभी ओपन नहीं हुआ है लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि मामला किसी
किसी गलती से जुड़ा हो सकता है। सुनने में आ रहा है कि जिस कार्यालय में थोड़ा सा भी मामला बिगड़ते ही बात बिगड़ जाती है। पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सूत्र बता रहे हैं कि हालांकि लाइन हाजिर वाला आदेश अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है लेकिन विभाग में उसकी चर्चा जमकर हो रही है। सूत्र तो बता रहे हैं कि जिस थ्री-स्टार से जुड़ा मामला है, वह बीते दिनों को प्रधानमंत्री की रैली के दौरान पूरे एक्शन मोड में था। उन्होंने पुलिस लाइन में आया नए वाले हेडफोन को भी लगा रखा था। साथ ही वह आगे बढ़कर काम भी देख रहे थे। अब ऐसा क्या हुआ यह तो अभी सस्पेंस बना हुआ है लेकिन जिस तरीके से खास कार्यालय में एक साथ दो विकेट गिरे हैं, उसकी चर्चा जमकर हो रही है। बताया जा रहा है थ्री-स्टार ने इस कार्यालय में लंबा समय गुजारा है और रात की ड्यूटी के वह स्पेशल हो चुके थे। वहीं नए वाले टू- स्टार का मामला क्यों डिरेल हुआ है इसकी चर्चा भी लाइन में हो रही है। देखना होगा कि जिस बैच से जुड़े टू-स्टार पर कार्रवाई हुई है वहां से क्या फीडबैक मिलता है। वहीं सुनने में आया है कि जिस तरह की कार्रवाई नदियापार और देहात में हुई है क्या ऐसे मामले सिटी जोन में अधिकारियों को नजर नहीं आ रहे हैं या उनको बचाया जा रहा है। वैसे सुनने में तो यह भी आ रहा है कि खास कार्यालय और चुनाव वाली सेल के लिए भी अभी कुछ और सूचनाएं ड्यूटी हटाने के संबंध में सुनने को मिलेगी। इसी के साथ सूत्र बता रहे हैं कि 26 अप्रैल तक टेंशन वाला सीन कम होता नहीं दिख रहा है।