गाजियाबाद। सरकार में विधायकों और अफसरों को लेकर मोर्चे दूसरी पारी में भी खुल रहे हैं। मामला तव्वजो से जुड़ा है और विधायक माननीय होता है। उनके लिए आधिकारिक प्रॉटोकोल होता है और अक्सर ये शिकायतें मिलती हैं कि अधिकारी ना तो प्रॉटोकोल का पालन कर रहे हैं और ना ही शासन की मंशा के अनुरूप काम कर रहे हैं। बीते दिनों जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक का मामला इस हद तक पहुंचा कि उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा ही दे दिया। बताते हैं कि बाद में मुख्यमंत्री ने जब जल मंत्री दिनेश खटीक और विभाग के बड़े अफसर को आमने सामने बिठाया तो अफसर ने अपने होम वर्क से संतुष्ट करने वाले तर्क दिये और मामले को मैनेज करने में सफलता हांसिल कर ली। गृह मंत्री को भेजा गया इस्तीफा वापिस हो गया। सूत्र बताते हैं कि अब फिर जिले के और अन्य जनपदों के विधायकों से लखनऊ में पंचम तल पर बैठे एक बड़े अफसर की रार ठन गयी है। सूत्र बताते हैं कि उन विधायकों में कुछ इस्ट के है ं और कुछ वेस्ट के हैं। कुछ गाजियाबाद के भी हैं। ये विधायक बड़े अधिकारी से मिलने एक साथ गये थे।
अफसर ने इन्हें इंतजार करने को बोला, लगभग आधे घंटे बाद विधायकों ने फिर से पर्ची भिजवाई और याद दिलाया कि हम क्षेत्र के विधायक हैं। लेकिन इसके बाद भी कोई रेस्पोन्स नहीं आया। शासन स्तर के मजबूत अधिकारी से मिलने 6 विधायक एक साथ गये थे और उसके बावजूद अधिकारी के रवैये में कोई फर्क नहीं आया।
इधर अधिकारी अपने कक्ष में थे और बाहर बैठे विधायकों से एक डिस्टैंस बना रहे थे। वहीं दूसरी ओर बाहर बैठै इंतजार कर रहे विधायकों का पेशेंस जवाब दे रहा था। जब अफसर ने नहीं बुलाया तो एक विधायक खड़े हुए और ऊंची आवाज में बताने लगे कि नये शासनादेश का पालन क्यों नहीं हो रहा है। हम विधायक हैं और हमें अधिकारी इंतजार नहीं करायेंगे और हमारे परिचय कराने पर वह हमारा स्वागत करेंगे। ये कौन सा संदेश है और हम सरकार तक इसे पहुंचायेंगे। सूत्र बताते हैं कि विधायक के ऊंची आवाज में बोलने पर भी अधिकारी पर कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने किसी विधायक को नहीं बुलाया।
जल्द ही विधायकों की इस नाराजगी के आयेंगे असर
लखनऊ में शासन स्तर के अधिकारी से भाजपा के 6 माननीय विधायक नाराज हैं। सूत्र बताते हैं कि जिस बड़े अधिकारी के साथ सरकार के विधायकों का मोर्चा खुला है वे अधिकारी सरकार में अपनी दखल के लिए जाने जाते हैं। सूत्र बताते हैं कि विधायकों ने भी अब एलान कर दिया है कि नये शासनादेश में भी स्पष्ट है कि नये जी. ओ. का पालन होगा। बताते हैं कि एक लैटर भी विधायकों ने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को लिखा है और इस पत्र में शिकायतें बताई गयी हैं। उन्हें अवगत करया गया है कि सरकार के अफसर फोन नहीं उठाते हैं और पत्रों का जवाब नहीं देते हैं। विधानसभा अध्यक्ष को एक शिकायती पत्र लिखा गया है। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही विधायकों की नाराजगी के इफैक्ट दिखाई देंगे। बड़े अधिकारी के साथ मोर्चा खोले जाने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
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