Ghaziabad: गैंगस्टर लक्ष्य तंवर और उसके गैंग के खिलाफ गाजियाबाद कोतवाली थाना क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई है, जिसमें उनकी संपत्ति में कुर्की गई है। पूर्व में 65 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को कुर्का जाने का मामला पहले ही दर्ज किया गया था, जब गैंगस्टर लक्ष्य तंवर के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत 35 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इस नए कार्रवाई में दो करोड़ रुपए की संपत्ति को अब कुर्का जाने का आरोप लगा है। यह संपत्ति गाजियाबाद के पुराना आर्य नगर में स्थित है।
कौन है लक्ष्य तंवर?
गाजियाबाद में 500 करोड़ के लोन घोटाले के आरोपी लक्ष्य तंवर के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत 35 मुकदमे दर्ज हैं। लक्ष्य तंवर, जिसे पहले लोन माफिया के रूप में जाना जाता था, लोगों को लोन दिलाने का काम करता था। उसके गैंग में कुल 12 लोग शामिल थे, जिनमें से 10 को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। लक्ष्य तंवर और उसका गैंग लोगों को लोन दिलाने के बहाने से उनसे ठगी करता था। उनका कारोबार इस पर निर्भर करता था कि वह किसी को लोन की आवश्यकता होती थी या नहीं। यह गैंग ऐसे व्यक्तियों की तलाश में रहता था, जिन्हें लोन की जरूरत थी और फिर उनसे ठगी करके लाखों रुपए के घोटाले में शामिल होता था। इस तरीके से गैंग ने गाजियाबाद में सैकड़ों लोगों को ठगते हुए 500 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया है।
पुलिस की कार्रवाई
एसीपी नगर निमिष पाटिल ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट के आरोपी लक्ष्य तंवर और उसके गैंग की पुराना आर्य नगर स्थित दो करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क किया गया है। लक्ष्य तंवर और उसके गैंग के साथियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत 35 मुकदमे दर्ज हैं और उनका पूर्व में 65 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी कुर्का जा चुका है। इस नए मामले में अब पुलिस ने और भी सख्ती से कार्रवाई करने का आदान-प्रदान किया है और संपत्ति में हुए कुर्के की जांच शुरू की गई है।
सावधानीपूर्ण कदमों के बावजूद, लक्ष्य तंवर के गैंग के प्रयासों के चलते गाजियाबाद के नागरिकों में हैचक्चरी बढ़ रही है। इस मामले में बिना किसी विचार-विमर्श के संपत्ति में हुए कुर्के ने लोगों को चौंका दिया है और उनकी आपातकालीन जरूरतें उनके अचानक बर्खास्त होने के खतरे को उत्तेजित कर रही हैं।
व्यापक जाँच का आदान-प्रदान
पुलिस ने इस मामले में एक व्यापक जाँच की शुरुआत की है ताकि संपत्ति को कुर्के की जानकारी मिल सके और उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें। इस दौरान, लोगों को भी अपनी जरूरतों के आधार पर अपनी संपत्ति को सत्यापित करने के लिए सक्रिय रूप से सहयोग करने का आदान-प्रदान किया जा रहा है।
लोन घोटाला और ठगी का नेटवर्क
लक्ष्य तंवर के गैंग का पूरा कारोबार लोन घोटाले और ठगी पर निर्भर है जिसमें वे लोगों को लोन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे। गैंग के सदस्य उन व्यक्तियों की तलाश में रहते थे जिन्हें लोन की आवश्यकता होती थी। इसके बाद, उन्हें धोखाधड़ी से लाखों रुपए के घोटाले में शामिल किया जाता था। लोगों को 10 लाख रुपए का लोन दिखाने के बाद, गैंग उनसे बैंक से 20 लाख रुपए का लोन दिला देता था जिसे वे वास्तविकता में सिर्फ 10 लाख रुपए का ही प्राप्त करते थे। बाकी 10 लाख रुपए गैंग के सदस्यों के बीच बाँट लिए जाते थे।
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