पत्नी के मान सम्मान की रक्षा करूंगा और प्लान करूंगा कैसे रखूं परिवार को सीमित
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। विवाह के समय फेरे लेते समय जो शपथ ली वो अलग है, जो कसम खायी वो अलग है और जो वादे किये वो अलग है। क्योंकि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ विभाग की ये खबर ही थोड़ा अलग है। क्योंकि यहां सात फेरों के बाद पति को परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल करने के लिए कसम खानी है। क्योंकि स्वास्थ विभाग का मानना है कि पुरूष भी परिवार नियोजन में अपनी जिम्मेदारी समझें। परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाने के मामले में पुरूष सहभागिता बढ़ाने की जरूरत है। जनसंख्या को लेकर हमेशा से आवाज उठती आई है कि बढ़ती आबादी संसाधनो को खा रही है और इस दिशा में कदम उठाया जाना चाहिए। टू चाईल्ड पॉलिसी को लेकर आवाज उठती है और अब उत्तर प्रदेश का स्वास्थ विभाग परिवार को सीमित करने के लिए परिवार को ही हथियार बना रहा है और सास बेटा बहू सम्मेलन से उन्हें जागरूक कर रहा है। इस कार्यक्रम में पति से इस बात की शपथ दिलाई जाती है कि वो एक जिम्मेदार पति बनेंगे। शपथ का स्वरूप ये है कि मैं एक जिम्मेदार पति और पिता होने के नाते शपथ लेता हूं कि अपनी पत्नी के मान सम्मान की रक्षा करूंगा। अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ एवं भविष्य के लिए लगातार प्रयासरत रहूंगा। मैं अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा एवं लालन पालन का पूरा ध्यान रखूंगा। परिवार को छोटा रखने और मां बच्चे के बेहतर स्वास्थ के लिए मैं परिवार नियोजन साधनो का नियमित उपयोग करूंगा।
स्वास्थ विभाग का मानना परिवार नियोजन में सास का निर्णय प्रभावी
शहरी क्षेत्रों में भले ही यूनिट परिवार नजर आते हैं लेकिन स्वास्थ विभाग का मानना है कि परिवार नियोजन में सास का निर्णय प्रभावी होता है। डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर अभिनव दूबे ने बक्सर उपकेन्द्र पर हुए सम्मेलन में कहा कि परिवार के सभी जिम्मेदार सदस्यों को एक साथ बैठाकर परिवार नियोजन की बात की जाये। क्योंकि अधिकतर परिवारों में अभी भी इस विषय पर सास का निर्णय प्रभावी रहता है।
पूरा परिवार बैठे एक साथ और करे परिवार नियोजन की बात
सास बेटा बहू सम्मेलन का मतलब ही ये है कि पोते और पोती की संख्या सीमित हो। हैल्थ विभाग का कहना है कि इस आयोजन का उददेश्य ही परिवार के सभी जिम्मेदार सदस्यों को एक साथ बिठाकर परिवार नियोजन की बात करना है। विभाग का मानना है कि इस विषय पर केवल पति पत्नी से बात उतनी प्रभावी नहीं होती।
आशा कार्यकर्ता सुनीता, उषा और राजेन्द्री ने
मिलकर किया सम्मेलन का आयोजन
(करंट क्राइम)। शासन के निर्देश पर सिम्भावली ब्लॉक के बक्सर उपकेन्द्र पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। एएनएम प्रीती रानी के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ता सुनीता, उषा राठौर और राजेन्द्री ने मिलकर सम्मेलन का आयोजन किया। एएनएम प्रीती रानी ने बताया कि शासन से प्राप्त निर्देशों के मुताबिक सम्मेलन के दौरान शपथ दिलाई गयी और दो बच्चों के बीच सुरक्षित अन्तर रखने की सलाह दी गयी। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में एक वर्ष के दौरान नव विवाहित दम्पत्ति, एक वर्ष के अन्दर उच्च जोखिम वाली गर्भवति और परिवार नियोजन साधन ना अपनाने वाले परिवारों को बुलाया गया था।
31 जनवरी तक चलेंगे जिले के सभी स्वास्थ
उपकेन्द्रों पर सास बेटा बहु सम्मेलन
(करंट क्राइम)। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि शासन के निर्देश पर जिले में सास बेटा बहू सम्मेलन आयोजित किये जा रहे हैं। सम्मेलन का उददेश्य सास बेटा बहू के बीच समन्वय और संवाद के जरिये परिवार नियोजन को लेकर एक अच्छा माहौल तैयार करना है। ताकि प्रजनन स्वास्थ के प्रति दकियानूसी सोच में बदलाव लाया जा सके। मिशन परिवार विकास कार्यक्रम से आच्छादित जनपदों में सभी उपकेन्द्रों पर ऐसे सम्मेलन 31 जनवरी तक चलेंगे।