गाजियाबाद (करंट क्राइम)। साल 2014 में गाजियाबाद जनपद के थाना लोनी में राजकुमार उर्फ राजू यादव की पुलिस पिटाई से हुई मौत के मामले में मानवाधिकार आयोग ने एक आदेश देते हुए मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। वहीं इस पूरे मामले में तात्कालिक एसएसपी गाजियाबाद सहित लोनी पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। मानवाधिकार आयोग की डबल बेंच ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव गृह के साथ ही पुलिस महानिदेशक को आदेश देते हुए कहा है कि मामले में मृतक राजू यादव के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ साथ साथ जाँच करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाए । इस पूरे कार्रवाई की एक्शन टेकन रिपोर्ट भी उपलब्ध करानी है। बेच ने नाराजगी भी जताई है कि पूरे मामले में 2021 तक पुलिस क्यों मामले को उलझाने में लगी रही।
9 साल की लम्बी लड़ाई के बाद रंग लाई मानव अधिकार पक्षकार राजीव शर्मा की मुहिम
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। इस पूरे मामले में मानवाधिकार आयोग में मानव अधिकार पक्षकार राजीव शर्मा ने बताया है कि आयोग ने अपने आदेश में राज्य के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह एवं गृह पुलिस महानिदेशक को कहा है कि केवल घटना के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों की पूरी रिपोर्ट देनी होगी। वहीं राजू की मौत के मामले में लोनी थाने में दर्ज मुकदमे के मामले में 8 साल तक निष्पक्ष जांच कराने में पुलिस अधिकारी क्यों विफल है इसका भी स्पष्टीकरण देना होगा। बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की डबल बेंच में शामिल आयोग के सदस्य जस्टिस एमएम कुमार एवं जस्टिस डीएम मुले ने आदेश दिया है। इस मामले में मानवाधिकार आयोग के आदेश पर राज्य सरकार द्वारा कराई गई सीबीसीआईडी जांच के बाद पारित की गई है। इस मामले में गाजियाबाद के तात्कालिक एसएसपी से भी यह जवाब मांगा गया है कि मार्च 2021 तक इस पूरे मामले में वह क्यों ठीक प्रकार से कार्रवाई नहीं करवा पाए थे।
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