वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। आज जिले के प्रभारी मंत्री बनाये गये असीम अरूण अधिकारियों के साथ बैठक लेंगे और उससे पहले वो भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे। प्रभारी मंत्री बनने के बाद पूर्व एडीजी असीम अरूण का मंत्री के रूप में यह पहला दौरा गाजियाबाद में होगा।
यहां पर सबसे खास बात यह है कि प्रभारी मंत्री अरूण असीम जिले के अफसरों से बाद में बात करेंगे लेकिन गाजियाबाद में आने के बाद वो सबसे पहले भाजपा महानगर कार्यालय पर कार्यकर्ताओं से बात करेंगे। माना जा रहा है कि वो पहले कार्यकर्ताओं के मन का संदेश लेंगे और फिर उस संदेश के बाद अधिकारियों को निर्देश देंगे। आज इस बैठक पर सभी की निगाहें रहेंगी। क्योंकि प्रभारी मंत्री जहां अधिकारियों की कार्यशैली की फीडबैक भाजपा कार्यकर्ताओं से लेंगे वहीं वो केन्द्र और राज्यसरकार द्वारा चलाई जा रही विकास तथा जन कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा अधिकारियों के साथ करेंगे।
सुबह साढ़े 11 बजे प्रभारी मंत्री आ
जायेंगे गाजियाबाद
(करंट क्राइम)। प्रभारी मंत्री असीम अरूण आज सुबह साढ़े 11 बजे गाजियाबाद आ जायेंगे। जिलाधिकारी गाजियाबाद द्वारा प्रभारी मंत्री का जो प्रस्तावित कार्यक्रम दिया गया है उसमें वो पहले कहां जायेंगे ये नहीं बताया गया है लेकिन ये बताया गया है कि प्रभारी मंत्री गाजियाबाद में केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करेंगे। वो किसी भी योजना का भौतिक सत्यापन कर सकते हैं। वहीं यह भी बताया गया है कि प्रभारी मंत्री द्वारा संगठन और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद का भी कार्यक्रम है। वहीं भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया है कि प्रभारी मंत्री असीम अरूण पहले भाजपा महानगर कार्यालय आयेंगे। यहां पर वो कार्यकर्ताओं के साथ बात करेंगे। उसके बाद वो अपनी सरकारी बैठक के लिए प्रस्थान करेंगे।
वो खुद रह चुके हैं जनसुनवाई का हिस्सा, जानते हैं पूरा किस्सा
(करंट क्राइम)। भगवागढ़ की खास बात ये है कि यहां जो भी प्रभारी मंत्री आता है उसे कार्यकर्ताओं से बात करते ही यह सवाल फेस करने पड़ते हैं कि पुलिस उनकी नहीं सुन रही है। सरकारी कर्मचारी नहीं सुनते हैं। जब आरकेजीआईटी में प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना आये तो यही बात थी और जब कानपुर वाले अजितपाल आये तो तब भी यही बात थी। आज जब प्रभारी मंत्री के रूप में अरूण असीम आयेंगे तो ये देखने की बात होगी कि शिकायतें क्या आयेंगी और समाधान क्या होगा। असीम अरूण खुद आईपीएस अधिकारी रहे हैं। उनके पिता श्रीराम अरूण उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया रहे हैं। मंत्री बनने से पहले असीम अरूण पुलिस में पुलिस विभाग के एडीजी रहे हैं। लिहाजा जनसुनवाई से लेकर निस्तारण तक उनके लिए कोई नई चीज नहीं है। पुलिस नहीं सुनती है ये सवाल वो अपने अधिकारी वाले कार्यकाल में भी कई बार सुन चुके होंगे। प्रभारी मंत्री बनने के बाद यही सवाल जब उनके सामने आयेगा तो ये देखा जायेगा कि वो जन सुनवाई को त्वरित करने के लिए क्या निर्देश देते हैं।
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