नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार (26 अक्टूबर) को वायुसेना के शीर्ष कमांडरों से कहा कि वे तेजी से बदलते भू-राजनीतिक हालात को परखें और भारतीय संदर्भ में उनका मूल्यांकन करें। उन्होंने आॅपरेशनल तैयारियों को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि वायुसेना भारत की वायु रक्षा प्रणालियों की मजबूती और ड्रोन के इस्तेमाल पर फोकस करे क्योंकि हवाई युद्धक्षेत्र में नए ट्रेंड उभरे हैं।
रक्षा मंत्री वायुसेना कमांडरों के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में नई चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं। हमें उनसे निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।” बताया गया है कि वायुसेना के कमांडर सम्मेलन में हमास-इजरायल संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध में विभिन्न एरियर प्लेटफॉर्मों के इस्तेमाल का व्यापक विश्लेषण कर रहे हैं।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और अन्य कमांडर चीन से लगती सीमा की सुरक्षा स्थिति की भी व्यापक समीक्षा कर रहे हैं, खासकर लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक इलाकों में पीएलए एयरफोर्स द्वारा सैन्य बुनियादी ढांचे के तेजी से विस्तार का।