गाजियाबाद (करंट क्राइम)। भाजपा ने सधी हुई रणनीति पर चलते हुए सहकारिता के सभी आयामों पर कब्जा कर लिया है। गुरूवार को भाजपा ने उस समय इतिहास रचा जब सहकारिता वाले चुनाव में भाजपा के वीरेन्द्र सारस्वत ने क्रय-विक्रय समिति के चेयरमैन पद पर निर्विरोध जीत हासिल की। ये जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने उस सीट पर कब्जा किया है जो 25 साल से दूसरे दलों के पास थी। भाजपा की सधी हुई रणनीति में सहकारिता में कमल खिला दिया है। बुधवार को वीरेन्द्र सारस्वत के साथ-साथ उपभोक्ता समिति के चेयरमैन पद पर मनवीर सिंह, जिला सहकारी संघ के लिए संदीप पाल, कृष्णपाल प्रमुख, ओबीसी मोर्चा के रामकिशन और एससी मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष मोनू सूद भी विजयी घोषित हुए। इसके अलावा डायरेक्टर पद के लिए सुभाष शर्मा और कर्मवीर शर्मा की पत्नी भी चुनी गई।
भगवा कमाण्डर संजीव शर्मा ने निभायी चाणक्य की भूमिका
करंट क्राइम। महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा रिपीट हुए हैं और अपनी पारी 2.0 का आगाज ही उन्होंने जीत के साथ किया है। उस पिच पर क्लीन स्वीप किया है जहां 25 वर्ष से भाजपा कभी जीती ही नहीं थी। यहां पर भगवा कमाण्डर ने चाणक्य की भूमिका निभायी है और भाजपा को एक बड़ी जीत दिलायी है। सहकारिता वाले चुनाव में कभी कमल नहीं खिलता था। यहां पुराने दिग्गज काबिज थे और सपा, कांग्रेस, बसपा का कब्जा था। संजीव शर्मा ने यहां इस तरीके से फील्डिंग लगाई कि उन्होंने पूरी तरीके से जीत का चक्रव्यूह रचा। जिन विपक्षी दिग्गजो को कोई हिला नहीं पा रहा था, उस दुर्ग को ध्वस्त करते हुए संजीव शर्मा ने यहां पर भाजपा की जीत का परचम लहराया और कब्जा किया। 13 में से 11 डायरेक्टर अब भाजपा के हैं। 18 अक्टूबर को डायरेक्टर चुने गये थे और गुरूवार को चेयरमैन और वाइस चेयरमैन चुने जाने थे। यहां पर भगवा कमाण्डर संजीव शर्मा ने इस तरीके से फील्डिंग लगायी कि सामने वाले प्रतिद्वंदी को कोई मौका ही नहीं दिया। ये संजीव शर्मा की रणनीति थी जिसने निर्विरोध जीत की भूमिका तैयार कर दी।
भगवा कमाण्डर के भरोसे पर खरे उतरे वीरेन्द्र सारस्वत
करंट क्राइम। वीरेन्द्र सारस्वत सहकारिता प्रकोष्ठ के महानगर संयोजक हैं। समर्पित और सक्रिय चेहरों में गिनती होती है। भगवा कमाण्डर संजीव शर्मा ने वीरेन्द्र सारस्वत पर भरोसा जताया और उन्हें चुनावी रण में उतारा। वीरेन्द्र सारस्वत भी भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के भरोसे पर खरे उतरे। कमाण्डर की थीम पर चलते हुए पूरे टीम वर्क से काम किया। यहां महानगर अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया था कि जीत से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा। भाजपा जीतने के लिए चुनाव में आयी है और फिर वीरेन्द्र सारस्वत निर्विरोध चुनाव जीते। वो क्रय-विक्रय समिति के चेयरमैन बने हैं। यह समिति किसानों के लिए खाद्य बीज का इंतजाम करती है। यह समिति किसानों के लिए काम करती है। क्रय-विक्रस समिति सहकारी समिति है और कॉपरेटिव बैंक के साथ जुड़कर चलती है। तीन जिलों में सहकारी बैंक के डायरेक्टर बनाये गये हैं और सिहानी समिति, मोरटा समिति, डासना समिति के बाद क्रय-विक्रय समिति के चेयरमैन वीरेन्द्र सारस्वत बने हैं।